पंचमुखी हनुमान जी कौन हैं? (Panchmukhi Hanuman Ji Kaun Hai)
पंचमुखी हनुमान जी (Panchmukhi Hanuman) भगवान हनुमान का एक विशेष और दिव्य रूप है, जिसमें उनके पाँच मुख होते हैं। ये पाँच मुख भगवान के विभिन्न शक्तिशाली स्वरूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस स्वरूप का वर्णन धार्मिक ग्रंथों में मिलता है और इसका विशेष आध्यात्मिक महत्व है।
पंचमुखी हनुमान जी के पाँच मुख और उनका महत्व (5 Faces of Panchmukhi Hanuman and Their Significance)

- हनुमान मुख (Monkey Face) – भक्ति, शक्ति और रक्षा का प्रतीक।
- नरसिंह मुख (Lion Face) – भय और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है।
- गरुड़ मुख (Eagle Face) – सर्प दोष और नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति दिलाता है।
- वराह मुख (Boar Face) – पृथ्वी और समृद्धि का रक्षक।
- हयग्रीव मुख (Horse Face) – बुद्धि, ज्ञान और विजय का द्योतक।
पंचमुखी हनुमान जी की कथा (Panchmukhi Hanuman Story in Hindi)

पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान राम और रावण के बीच घमासान युद्ध चल रहा था, तब रावण को आभास हुआ कि उसकी सेना पराजय के कगार पर है। संकट की इस घड़ी में, उसने अपने मायावी भाई अहिरावण से सहायता मांगी। अहिरावण माँ भवानी का अनन्य भक्त और तंत्र विद्या का प्रखर साधक था।
अपनी मायावी शक्तियों का प्रयोग करते हुए अहिरावण ने भगवान राम और उनकी सेना को गहरी निद्रा में डाल दिया। इसके पश्चात, वह भगवान राम और लक्ष्मण को अपहरण कर पाताल लोक ले गया, जहाँ उसने माँ भवानी को प्रसन्न करने हेतु उनकी बलि चढ़ाने का निश्चय किया। बलि की इस प्रक्रिया को सुरक्षित करने के लिए अहिरावण ने पाँच दिशाओं में पाँच दीपक प्रज्वलित किए और ऐसा वरदान प्राप्त किया कि उसे पराजित करने के लिए इन पाँचों दीपकों को एक साथ बुझाना आवश्यक होगा।
जब भगवान हनुमान को इस षड्यंत्र का ज्ञान हुआ, तो उन्होंने पंचमुखी रूप धारण किया। इस स्वरूप में उन्होंने हनुमान, नरसिंह, गरुड़, वराह और हयग्रीव के मुख प्रकट किए। अपनी अद्भुत शक्ति से उन्होंने पाँचों दीपकों को एक साथ बुझाया और अहिरावण का अंत कर दिया। तत्पश्चात, वे भगवान राम और लक्ष्मण को मुक्त कराकर सकुशल वापस ले आए। तभी से पंचमुखी हनुमान का यह स्वरूप श्रद्धा और पूजन का केंद्र बना।
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पंचमुखी हनुमान जी की पूजा विधि (Panchmukhi Hanuman Puja Vidhi)
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और पंचमुखी हनुमान जी की पूजा का संकल्प लें।
- पूजन स्थल की स्थापना: पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- पंचोपचार पूजन: गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, और दीप अर्पित करें।
- हनुमान चालीसा और मंत्र जाप:
- “ॐ हनुमते नमः”
- “ॐ पंचमुखाय हनुमते नमः”
- नैवेद्य अर्पण: गुड़, चना और तुलसी के पत्तों का भोग लगाएं।
- आरती और प्रसाद वितरण: हनुमान जी की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
पंचमुखी हनुमान जी की उपासना के लाभ (Benefits of Worshipping Panchmukhi Hanuman)
- नकारात्मक शक्तियों और भूत-प्रेत बाधा से रक्षा।
- कुंडली दोष, राहु-केतु दोष और ग्रह बाधाओं का निवारण।
- मानसिक शांति, शक्ति और आत्मविश्वास की प्राप्ति।
- शत्रुओं और विरोधियों से रक्षा।
- कार्यों में सफलता और विजय का आशीर्वाद।
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भारत में प्रसिद्ध पंचमुखी हनुमान मंदिर (Famous Panchmukhi Hanuman Temples in India)
- रामेश्वरम पंचमुखी हनुमान मंदिर, तमिलनाडु – यहाँ पंचमुखी हनुमान जी की भव्य मूर्ति स्थित है।
- कुंभकोणम पंचमुखी हनुमान मंदिर, तमिलनाडु – दक्षिण भारत में पंचमुखी हनुमान जी का प्रसिद्ध मंदिर।
- सलंगपुर हनुमान मंदिर, गुजरात – संकटमोचन स्वरूप के पंचमुखी हनुमान मंदिर के लिए प्रसिद्ध।
- वाराणसी पंचमुखी हनुमान मंदिर, उत्तर प्रदेश – धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व वाला पंचमुखी हनुमान मंदिर।
- बैंगलोर पंचमुखी हनुमान मंदिर, कर्नाटक – यहाँ पंचमुखी हनुमान जी की विशाल प्रतिमा विराजमान है।
पंचमुखी हनुमान जी का स्वरूप अत्यंत शक्तिशाली और पूजनीय है। इनकी उपासना से भक्तों को भय, शत्रु और नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति मिलती है। पंचमुखी हनुमान जी की पूजा श्रद्धा और समर्पण के साथ करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
🙏 जय हनुमान! 🙏