गणपति बप्पा को प्रसन्न कर मनवांछित फल पाएं, इसके लिए कैसे करें गणेश चतुर्थी की तैयारी ?

Ganesh

देशभर में गणेश चतुर्थी का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व की धूम देश के हर हिस्से में देखने को मिलती है। सनातन हिंदू धर्म में भगवा गणेश की पूजा आराधना का विशेष महत्व माना गया है।

भगवान गणेश सर्व सिद्धि के दाता है। उनकी शरण में जो भी जाता है उसे भक्ति का फल जरूर मिलता है। लेकिन, आम जनमानस को कई बार भगवान गणपति की पूजा विधि और उपासना की प्रक्रिया मालूम नहीं होती है।

इसलिए, इस आर्टिकल में हम आपको गणेश चतुर्थी को घर पर कैसे मनाएं। कैसे इसकी तैयारी करें, उन्हें प्रसन्न करने और भोग लगाने के लिए कौन-कौन मिष्ठान्न बनाएं आदि सभी बातों की पूरी जानकारी दे रहे हैं। इससे आप भी गणपति की कृपा सहज ही प्राप्त कर सकेंगे।

क्या है गणेश चतुर्थी?

गणेश चतुर्थी का अर्थ है, वह तिथि जिसे भगवान विघ्नहर्ता के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था। इस दिन भगवान गणेश जी की घर पर प्रतिमा स्थापना कर सनातन धर्मावलंबी 10 दिन तक भगवान की पूजा अर्चना पूरे मनोयोग से करते हैं। दसवें दिन अनंत चतुर्दशी पर गणपति की मूर्तियों का विसर्जन हो जाता है।

भगवान गणपति की महिमा

भगवान गणेश जी मंगल सूचक हैं। उनकी पूजा कभी निष्फल नहीं होती। भगवान गणनायक सभी का मंगल करने वाले देवता हैं, जो देवों में सर्वप्रथम पूजनीय माने जाते है। शास्त्रों में गणेश जी की महिमा अपरंपार बताई गई है।

अगर आप भी भगावन गणेश को प्रसन्न करना चाहते हैं तो, इस गणेश चतुर्थी पर सच्चे मन से विधि विधान से पूजन करें। निश्चित ही आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। 

भगवान गणेश को क्या प्रिय है?

भगवान गणेश को लड्डू और दूब घास बहुत पसंद है। इस चतुर्थी पर भगवान गणेश को 21 लड्डू और 21 दूब घास के पत्ते चढ़ाएं। सर्वप्रथम भगवान गणेश को 21 लड्डू का भोग लगाएं फिर 21 दूब पत्र ले कर दो-दो की जोड़ी में भगवान गणेश के सुंदर नाम का जाप करते हुए उन्हें चढ़ाना चाहिए।

भगवान गणेश जी की प्रिय मिठाई कौन सी है?

गणेश चतुर्थी के त्योहार पर भक्त भगवान गणेश की मनपसंद मिष्ठान कर बनाकर उन्हें भोग लगाते हैं। गणेश चतुर्थी से 10 दिनों के दौरान, भक्त भगवान गणेश को चढ़ाने के लिए विभिन्न मीठी और नमकीन खाने की चीजें तैयार करते हैं। 

हालांकि भोग की थाली में खाने की चीजें अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होती हैं, लेकिन कुछ ऐसी चीजें भी हैं जो हर भोग की थाली में जरूर होती है। मोदक, गणेश चतुर्थी के दौरान बनाई जाने वाली सबसे लोकप्रिय मिठाई है। इसे भोग लगाने वाली थाली में सबसे पहले रखा जाता है।

1. खीर का भोग भी लगा सकते हैं

खीर को भगवान गणेश का सबसे प्रिय भोजन माना जाता है और यही कारण है कि खीर लगभग हर भारतीय त्योहार का सर्वोत्कृष्ट हिस्सा है। विनायक चतुर्थी के अवसर पर, दूध से कई प्रकार की खीर की रेसिपी बनाई जाती हैं। 

इन प्रमुख खीर की वैरायटी में बासुंदी, पाला थालीकालु, पाला अंडरल्लू आदि शामिल हैं। खीर को भी हम भोग लगाने वाली थाली में रख सकते हैं।

2. पूरन पोली का लगाएं भोग

यह एक महारा​ष्ट्रियन व्यंजन है, यानी मीठी चना दाल से भरा हुआ परांठा। ये खाने में नरम होता है और इसमें बहुत सारा घी भी मिलाया जाता है। इस मिष्ठान को हम भगवान गणेश जी को भी भोग के लिए तैयार कर सकते हैं।

3. चूरमा लड्डू का लगायें भोग

चूरमा लड्डू दिखने में मोदक जैसा ही होता है।  लेकिन इसे आटा, चीनी, घी और मेवों के मिश्रण से बनाया जाता है, इन सभी चीजों को मिलाकर पाउडर बनाया जाता है और फिर लड्डू और मोदक के आकार में ढाला जाता है। चूरमा लड्डू भी भगवान गणपति को समर्पित कर सकते हैं।

4. शीरा का लगाएं भोग

सूजी के हलवे की तरह, शीरा भी एक मीठा हलवा है जो रवा, चीनी, सूखे मेवे और ढेर सारा घी डालकर पकाया जाता है। कुछ लोग स्वाद बढ़ाने के लिए शीरा में अनानास और केला भी मिलाते हैं। यह पकवान भी भगवान गणेश जी को जरूर पसंद आएगा। इसे भी भोग लगाने वाली थाली में रख सकते हैं।

5. केला का लगाएं भोग

गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणपति को केले से बनी माला का भोग लगाया जाता है। गणेश जी को केले बहुत पसंद हैं और बंगाली परंपराओं के अनुसार उनका विवाह कोला बौ (केले के पेड़) से हुआ है। यही कारण है कि केले के बिना गणेश पूजा अधूरी मानी जाती है।