मां ब्रह्मचारिणी की आरती

नवरात्री के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। माँ ब्रह्मचारिणी को साधना एवं तपस्या की देवी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि ब्रह्मचारिणी माता की पूजा करने से भक्तों को आत्मसंयम, धैर्य और आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्त होती है। यदि आप भी माता का आशीर्वाद प्राप्र्त करने के लिए माता का व्रत कर रहे हैं तो ज़रूरी है कि माता की पूजा अर्चना के बाद आप उनकी आरती भी अवश्य गाएं।

मां ब्रह्मचारिणी की आरती (Maa Brahmacharini Ki Aarti)

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।

ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।

जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।

कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।

उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।

रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।

आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।

ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।

भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।

मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र  (Maa Brahmacharini Mantra)

ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:

ब्रह्मचारयितुम शीलम यस्या सा ब्रह्मचारिणी।
सच्चीदानन्द सुशीला च विश्वरूपा नमोस्तुते

या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

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