आरती माँ शैलपुत्री की

माँ शैलपुत्री को माँ दुर्गा के ९ रूपों का सबसे पहला रूप माना जाता है और इसीलिए चाहें चैत्र के नवरात्रे हों या शारदीय नवरात्रे, नवरात्री के सबसे पहले दिन माँ शैलपुत्री की ही पूजा की जाती है।
अब कई भक्तों को माँ को खुश करने के लिए उनका व्रत करना तो आता है किन्तु कई भक्त माँ की आरती नहीं गाते तो यहाँ पर हम माँ को प्रस्सन करने के लिए माँ शैलपुत्री की आरती बता रहे हैं।
इस आरती को आप सुबह शाम की पूजा अर्चना के समय गा सकते हैं और माँ का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

आरती माँ शैलपुत्री की | Maa Shailputri Aarti

शैलपुत्री माँ बैल असवार।करें देवता जय जय कार॥

शिव-शंकर की प्रिय भवानी।तेरी महिमा किसी ने न जानी॥

पार्वती तू उमा कहलावें।जो तुझे सुमिरे सो सुख पावें॥

रिद्धि सिद्धि परवान करें तू।दया करें धनवान करें तू॥

सोमवार को शिव संग प्यारी।आरती जिसने तेरी उतारी॥

उसकी सगरी आस पुजा दो।सगरे दुःख तकलीफ मिटा दो॥

घी का सुन्दर दीप जला के।गोला गरी का भोग लगा के॥

श्रद्धा भाव से मन्त्र जपायें।प्रेम सहित फिर शीश झुकायें॥

जय गिरराज किशोरी अम्बे।शिव मुख चन्द्र चकोरी अम्बे॥

मनोकामना पूर्ण कर दो।चमन सदा सुख सम्पत्ति भर दो॥

माँ शैलपुत्री मंत्र | Maa Shailputri Pujan Mantra

ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः”,

“वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥”

“या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

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