छोटी होली और बड़ी होली: भारत में होली के अलग-अलग नाम और परंपराएँ

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होली का त्यौहार भारत में बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। ये एक त्यौहार है जो कि दो दिनों तक मनाया जाता है और दो दिन मनाए जाने के कारण ही लोग अधिकतर दुविधा में रहते हैं कि Choti Holi Badi Holi में क्या अंतर है। अगर आपको भी ये अंतर नहीं पता तो हम इस लेख में ये बताने का प्रयास कर रहे हैं।

छोटी होली (Choti Holi, Holika Dahan) का महत्व

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Credit: Hindustan Times

छोटी होली को होलिका दहन भी कहते हैं और ये हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। दहन के लिए लकड़ियों और उपलों का ढेर बनाकर उसको जलाया जाता है। दहन अधिकतर शाम में समय या रात के समय में किया जाता है। होलिका दहन अधिकतर चौराहों पर या तिराहों पर या बगीचों वगैरह में किया जाता है क्यूंकि होलिका दहन एक सामाजिक उत्सव है और लोग इसमें अपने जौ भूनकर एक दूसरे को देते हैं और एक दूसरे के गले भी लगते हैं। इसके बाद सभी लोग मिलके होलिका माता की परिक्रमा भी करते हैं।
होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है क्युकि इसी दिन ही श्री हरी विष्णु ने अपने भक्त प्रह्लाद को उसकी बुआ द्वारा अग्नि में जलने से बचाया था। यदि आप इस कथा के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो हमारा ये लेख पढ़ें।

बड़ी होली (Rangwali Holi, Badi Holi) का आनंद

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बड़ी होली, जिसे रंगों वाली होली भी कहते हैं, होलिका दहन के अगले दिन मनाई जाती है। इस दिन लोग एक-दूसरे पर गुलाल, अबीर और रंग डालकर प्रेम और सद्भावना का संदेश देते हैं। इस दिन गुझिया, मालपुआ, ठंडाई और अन्य पारंपरिक मिठाइयों का आनंद लिया जाता है। संगीत, नृत्य और होली गीतों के साथ इस पर्व को उल्लासपूर्वक मनाया जाता है।

भारत में होली के अलग-अलग नाम

भारत के विभिन्न राज्यों में होली को अलग-अलग नामों और अनूठी परंपराओं के साथ मनाया जाता है।

  • उत्तर भारत (Uttar Bharat) – उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली और मध्य प्रदेश में इसे होलिका दहन और धुलेंडी कहा जाता है। मथुरा और वृंदावन में ब्रज की होली प्रसिद्ध है, जहाँ लट्ठमार होली खेली जाती है।
  • पंजाब (Punjab) – पंजाब में इसे होला मोहल्ला कहा जाता है, जिसे सिख समुदाय विशेष रूप से मनाता है। इस दिन विशेष युद्ध कला प्रदर्शन होते हैं।
  • बंगाल (Bengal) – पश्चिम बंगाल में इसे डोल यात्रा या बसंत उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जहाँ महिलाएँ और पुरुष रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर नृत्य और संगीत के साथ होली मनाते हैं।
  • महाराष्ट्र (Maharashtra) – यहाँ होली को शिमगा कहा जाता है, और धुलेंडी के दिन लोग रंग खेलते हैं। इस अवसर पर विशेष रूप से पूरनपोली बनाई जाती है।
  • राजस्थान (Rajasthan) – राजस्थान में इसे माली होली और गेर होली के रूप में मनाया जाता है। इसमें लोक संगीत और नृत्य का विशेष महत्व होता है।
  • गुजरात (Gujarat) – गुजरात में इसे होलिकोत्सव कहा जाता है। यहाँ रंगों के साथ-साथ ढोल नृत्य और गरबा का आयोजन किया जाता है।
  • बिहार और झारखंड (Bihar & Jharkhand) – यहाँ इसे फगुआ कहा जाता है और पारंपरिक होली गीत गाने की परंपरा है।
  • उत्तराखंड (Uttarakhand) – यहाँ होली को बैठी होली और खड़ी होली के रूप में मनाया जाता है। इसमें शास्त्रीय रागों पर आधारित होली गीत गाए जाते हैं।
  • मणिपुर (Manipur) – यहाँ होली को याओसांग नाम से जाना जाता है और यह छह दिनों तक मनाई जाती है। इसमें पारंपरिक नृत्य और संगीत का आयोजन किया जाता है।
  • तमिलनाडु (Tamil Nadu) – यहाँ इसे कामन पंडिगई के रूप में मनाया जाता है, जो भगवान कामदेव के बलिदान से जुड़ा हुआ है।