नवरात्रि के आठवें दिन होती है महागौरी की पूजा, जानें पूजाविधि

Shardiya Navratri 8 Day Mahagauri Puja Vidhi

देशभर में नवरात्रि का पर्व बड़े पैमाने पर मनाया जा रहा है। नवरात्रि के 8वें दिन भक्त देवी शक्ति के आठवें रूप मां महागौरी की पूजा करते हैं। नवरात्रि के आठवें दिन को दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। भक्त इस दिन देवी महागौरी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कन्या पूजन भी करते हैं और उन्हें कपड़े और उपहार देते हैं। 

ऐसा माना जाता है कि कन्या पूजा करने से देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां महागौरी की विधि-विधान से पूजा करने वाले भक्तों के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। आइए जानते हैं शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन का महत्व, पूजा विधि, सामग्री के बारे में…

कौन हैं मां महागौरी ?

महागौरी की पूजा
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मां महागौरी का ये स्वरूप अत्यंत आकर्षक है। मां सफेद कपड़े पहने हुए बैल की सवारी करती हैं। देवी मां के एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे में डमरू है। एक हाथ अभय और एक वरमुद्रा में है। देवी मां को संगीत-भजन अत्यंत प्रिय है। देवी मां हमेशा सफेद वस्त्र धारण करती हैं, इसलिए उन्हें श्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है। देवी मां ने भगवान शिव का हिमालय में कठोर तप किया था। 

कौन हैं मां महागौरी?
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पौराणिक कथा के अनुसार मां महागौरी ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। वर्षों की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने देवी मां को पत्नी के रूप में स्वीकार किया। कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें ‘महागौरी’ नाम दिया, जिसका अर्थ है ‘महान और गौरवशाली’। 

मां महागौरी की पूजा विधि इस प्रकार है

  1. नवरात्रि के आठवें दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और साफ कपड़े पहनें।
  2. देवी मां का की प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करें।
  3. पूजा की शुरुआत’या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:’ मंत्र से करें। 
  4. पूजा के दौरान मोगरे के फूल या फिर सफेद रंग के फूल देवी मां को अर्पित करें।
  5. इसके बाद देवी मां को रोली कुमकुम लगाएं।
  6. इसके बाद देवी मां को मिठाई, फल, नारियल,  काले चने भोग के रूप में अर्पित करें।
  7. अंत में माता की आरती करें।

मां महागौरी का प्रिय भोग

नवरात्रि के 8वें दिन मां महागौरी को नारियल का भोग लगाना चाहिए। भोग लगाने के पश्चात इसे प्रसाद के रूप में वितरित करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इससे देवी मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों को अपना आर्शीवाद देती हैं।

मां महागौरी

महागौरी का ध्यान मंत्र

वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

सिंहारूढा चतुर्भुजा महागौरी यशस्विनीम्॥

पूर्णन्दु निभाम् गौरी सोमचक्रस्थिताम् अष्टमम् महागौरी त्रिनेत्राम्।

वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥

पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।

मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥

प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् त्रैलोक्य मोहनम्।

कमनीयां लावण्यां मृणालां चन्दन गन्धलिप्ताम्॥

मां महागौरी की पूजा
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स्तोत्र मंत्र

सर्वसङ्कट हन्त्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।

ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदायनीम्।

डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

त्रैलोक्यमङ्गल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्।

वददम् चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

मां महागौरी पूजा
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कवच मंत्र

ॐकारः पातु शीर्षो माँ, हीं बीजम् माँ, हृदयो।

क्लीं बीजम् सदापातु नभो गृहो च पादयो॥

ललाटम् कर्णो हुं बीजम् पातु महागौरी माँ नेत्रम् घ्राणो।

कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा माँ सर्ववदनो॥

महागौरी आरती

ॐ जय जय महागौरी
मैया ॐ जय जय महागौरी
निशदिन ध्यावत तुमको
निशदिन ध्यावत तुमको
ऋषि मुनि नर शिव जी
ॐ जय जय महागौरी

ॐ जय जय महागौरी
मैया ॐ जय जय महागौरी
निशदिन ध्यावत तुमको
निशदिन ध्यावत तुमको
ऋषि मुनि नर शिव जी
ॐ जय जय महागौरी

डमरू त्रिशूलधारिणी
पापों का नाश करें
मैया पापों का नाश करें
वृषभ वाहन पे विराजे
वृषभ वाहन पे विराजे
माँ कल्याण करे
ॐ जय जय महागौरी

श्वेत वस्त्र माता का
छवि है मनभावन
मैया छवि है मनभावन
सांचे मन से पुकारो
सांचे मन से पुकारो
माँ देगी दर्शन
ॐ जय जय महागौरी

गौर वर्ण मैया का
साधक रहे प्रसन्न
मैया साधक रहे प्रसन्न
श्रद्धा पुष्प चढ़ाओ
श्रद्धा पुष्प चढ़ाओ
पावन कर लो मन
ॐ जय जय महागौरी

अष्टमी नवराते में
पूजा माँ की करो
पूजा माँ की करो
माँ विपदा है मिटाती
माँ विपदा है मिटाती
माँ का ध्यान धरो
ॐ जय जय महागौरी

अवतार लियो दक्ष ग्रीह
लीला निराली की
मैया लीला निराली की
शिव वैरागी खोये
शिव वैरागी खोये
मोहिनी थी डारी
ॐ जय जय महागौरी

शरणागत की रक्षक
मात भवानी तुम
माता भवानी तुम
सुन लो माता अरज तुम
सुन लो माता अरज तुम
द्वार आये तेरे हम
ॐ जय जय महागौरी

मंदिर में माँ तेरे
सदा ही सुख बरसे
मैया सदा ही सुख बरसे
अन्न धन सब माँ पावे
अन्न धन सब माँ पावे
अपूर्ण नर न रहे
ॐ जय जय महागौरी

माँ महागौरी की आरती
जो नर नित गावे
मैया जो नर नित गावे
भाव सिंधु से तरे वो
भाव सिंधु से तरे वो
व्याधि मिट जावे
ॐ जय जय महागौरी

ॐ जय जय महागौरी
मैया ॐ जय जय महागौरी
निशदिन ध्यावत तुमको
निशदिन ध्यावत तुमको
ऋषि मुनि नर शिव जी
ॐ जय जय महागौरी

ॐ जय जय महागौरी
मैया ॐ जय जय महागौरी
निशदिन ध्यावत तुमको
निशदिन ध्यावत तुमको
ऋषि मुनि नर शिव जी
ॐ जय जय महागौरी