Karwa Chauth Vrat Vidhi: जानें इस पवित्र व्रत के पालन के महत्वपूर्ण नियम

करवा चौथ का व्रत भारतीय संस्कृति में विवाहित महिलाओं के लिए एक विशेष महत्व रखता है। यह व्रत पति की लंबी उम्र और समृद्धि की कामना के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन उपवास करती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोलती हैं। लेकिन करवा चौथ के व्रत को सही तरीके से करने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। आइए जानते हैं Karwa Chauth Vrat Vidhi एवं इसके महत्वपूर्ण नियम

1. Karwa Chauth Vrat Vidhi नियमसूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण करें

करवा चौथ के व्रत की शुरुआत सूर्योदय से पहले की जाती है। व्रत रखने वाली महिलाएं अपनी सास द्वारा दी गई सरगी का सेवन करती हैं। सरगी में फलों, मिठाइयों, सूखे मेवों, और पराठों का समावेश होता है। सरगी से महिलाओं को दिनभर उपवास रखने की ऊर्जा मिलती है।

sargi is the first meal of karwa chauth vrat vidhi
Credit: Slurrp.com

2. Karwa Chauth Vrat Vidhi नियमपूरे दिन निर्जल व्रत रखें

करवा चौथ के व्रत में महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रमा के दर्शन तक निर्जल (बिना पानी के) व्रत रखती हैं। हालांकि, अगर किसी महिला की तबीयत ठीक नहीं है या गर्भवती हैं, तो उन्हें चिकित्सक की सलाह के अनुसार उपवास करना चाहिए। ऐसी स्थिति में फल या जल का सेवन किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि व्रत का भावनात्मक और धार्मिक महत्व बना रहे।

3. Karwa Chauth Vrat Vidhi नियमव्रत के दौरान सज-संवरना

करवा चौथ के दिन विवाहित महिलाएं लाल, गुलाबी, और चमकीले रंग के वस्त्र धारण करती हैं, जो सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं। हाथों में मेहंदी लगाना और सुहाग की चूड़ियां पहनना भी इस दिन का एक खास हिस्सा होता है। यह सज-संवरना पति के प्रति प्रेम और सम्मान को दर्शाता है।

a women in a dressed manner on karwa chauth
Credit: HarGharPuja

4. Karwa Chauth Vrat Vidhi नियमकरवा चौथ की कथा सुनना अनिवार्य

करवा चौथ के दिन कथा सुनना अनिवार्य माना जाता है। इस कथा में वीरवती और करवा माता की कहानी का वर्णन होता है, जो इस व्रत की शक्ति और महत्व को दर्शाती है। कथा सुनने से व्रत की पूजा विधि पूर्ण मानी जाती है।

5. Karwa Chauth Vrat Vidhi नियमचंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलना

दिनभर व्रत रखने के बाद महिलाएं चंद्रमा के दर्शन करती हैं और अर्घ्य देकर व्रत का समापन करती हैं। इसके लिए महिलाएं छलनी का उपयोग करती हैं और पहले चंद्रमा को और फिर अपने पति को देखती हैं। अर्घ्य देने के बाद ही महिलाएं पानी पीती हैं और भोजन ग्रहण करती हैं।

6. Karwa Chauth Vrat Vidhi नियमपति की लंबी उम्र की कामना

करवा चौथ व्रत के दौरान पति की लंबी उम्र और समृद्धि की कामना की जाती है। व्रत का मूल उद्देश्य प्रेम, विश्वास और आपसी संबंधों को और मजबूत करना है। यह व्रत महिलाओं की दृढ़ निष्ठा और पति के प्रति प्रेम का प्रतीक माना जाता है।

fasting during karwa chauth increases the love and affection between husband and wife
Credit: HarGharPuja

7. संतुलित खानपान और स्वास्थ्य का ध्यान

अगर आप व्रत रख रही हैं, तो सरगी में ऐसा भोजन शामिल करें जो आपको पूरे दिन ऊर्जा दे। इसके साथ ही अगर आपकी तबीयत ठीक नहीं रहती, तो डॉक्टर से सलाह लें और व्रत में थोड़ा लचीला रुख अपनाएं। आपका स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है, और इसीलिए अगर जरूरत हो तो व्रत में फल या पानी का सेवन करें।


करवा चौथ का व्रत न केवल धार्मिक बल्कि भावनात्मक महत्व भी रखता है। इस व्रत के नियमों का पालन सही ढंग से करने से महिलाओं को अपने पति की लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना करने का मौका मिलता है। यह दिन पति-पत्नी के रिश्ते को और मजबूत करने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। करवा चौथ के नियमों का पालन करते हुए, महिलाएं इस पवित्र व्रत का पूरा लाभ उठा सकती हैं।

 यदि आप अपने पूजा पाठ एवं धार्मिक अनुष्ठानों को और अधिक सात्विक बनाना चाहते हैं तो ख़रीदये हमारे शुद्ध घी से बने दिए एवं धुप बतियाँ