पूजा विधि तीज

तीज की आरती (Teej Aarti)

तीज का महत्व

आरती करना भक्त और देवी के बीच एक आध्यात्मिक जुड़ाव स्थापित करता है। यह एक ऐसा साधन है जिससे व्यक्ति अपनी श्रद्धा और समर्पण को व्यक्त करता है। आरती हिंदू धर्म में पूजा के अंत में की जाती है, जिसका अर्थ है भगवान को याद करना, उनका गुणगान करना और उनके प्रति आदर प्रकट करना। आरती करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं, मनोकामनाएं पूरी होती हैं और पूजा का पूरा फल मिलता है

तीज के मंत्र

कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि ।

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नन्द गोपसुतं देविपतिं मे कुरु ते नमः ॥

ॐ ह्रीं कात्यायन्यै स्वाहा, ह्रीं श्रीं कात्यायन्यै स्वाहा ॥

मंत्र जाप का महत्व

मंत्र जाप करने से मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है और आत्मिक शक्ति बढ़ती है। माँ कात्यायनी के मंत्रों का नियमित जाप करने से व्यक्ति के जीवन में शांति, सफलता और समृद्धि आती है। विशेष रूप से, जो भक्त विवाह में आ रही बाधाओं से परेशान होते हैं, उनके लिए माँ कात्यायनी की उपासना अत्यंत फलदायी मानी जाती है।

maa katyayani