हिन्दू धर्म में फूलों और तुलसी जी से निर्मित अगरबत्ती का क्या महत्व है, जानिए अगरबत्तियों के प्रकार

इस आर्टिकल में हम आपको हिन्दू धर्म में फूलों और तुलसी जी के सूखे पत्तों से निर्मित अगरबत्ती के महत्व और उनके विविध प्रकार के बारे में जानकारी देंगे

वैदिक धर्म में पूजा पाठ के समय जितना महत्व दीपक का माना जाता है, उतना ही अगरबत्ती का भी महत्व है। बिना अगरबत्ती के धार्मिक क्रियाएं पूरी तरह अधूरी हैं। अगरबत्ती सकारात्मक ऊर्जा का सबसे बड़ा माध्यम है। 

घर के वातावरण को पॉजिटिव एनर्जी से परिपूर्ण बनाने के लिए प्राकृतिक अगरबत्ती सबसे उपयुक्त मानी जाती है। हिंदू धर्म में पूजा मोक्ष प्राप्ति का सबसे श्रेष्ठ माध्यम माना जाता है। और पूजा की क्रिया के पायदान जल-चंदन, पुष्प, नैवेद्य, दीया-बाती, अगरबत्ती ,धूप आदि हैं। इन सभी विभिन्न साधनों से हम साध्य की सिद्धि हासिल कर सकते हैं।

इसलिए, इस आर्टिकल में हम आपको हिन्दू धर्म में फूलों और तुलसी जी के सूखे पत्तों से निर्मित अगरबत्ती के महत्व और उनके विविध प्रकार के बारे में जानकारी देंगे। इस आर्टिकल को पढ़कर आप भी उनके महत्व से परिचित हो सकेंगे।

अगरबत्ती क्या है?

अगरबत्ती एक बत्ती है, जिसे जलाने पर सुगंधित धुआं चारों ओर फैलता है। अगरबत्ती का प्रयोग लगभग हर भारतीय घर, दुकान तथा पूजा-अर्चना के स्थान पर अनिवार्य रूप से किया जाता है। सुबह की दिनचर्या प्रारंभ करने से पहले प्रत्येक घर में अगरबत्ती जलाई जाती है।

बेस्ट अगरबत्ती कैसी होनी चाहिए? 

अगर बत्ती को केवड़ा, गुलाब आदि के सूखे फूलों से बनाया जाता है। अगरबत्ती जितनी शुद्धता से बनाई जाएगी, उतना अधिक वह सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगी। मंदिरों और पूजा स्थलों के पुष्पों से निर्मित अगरबत्ती सबसे अधिक पॉजिटिव एनर्जी का स्त्रोत मानी जाती है। 

a candle burning in a flower

क्योंकि, जो फूल भगवान के मस्तिष्क और चरणों में चढ़ाए गए हों, वो सुगंधित पुष्प सबसे पवित्रतम माने जाते हैं और  इन पवित्र फूलों को सुखाकर चूर्ण बनाकर शुद्धता के साथ अगरबत्ती व धूपबत्ती का आकार दिया जाता है तो, वह अगरबत्ती और धूपबत्ती भी एक तरह से ईश्वरीय शक्ति का प्रतिनिधित्व करने लगती हैं।

हिंदू धार्मिक ग्रंथों में धूप (अगरबत्ती) के महत्व को बताने वाला श्लोक

वनस्पतिसोद्भूतो गन्धाद्यो गन्धमुत्तमः।

आघ्रेयः सर्वदेवानां धूपोऽयं प्रतिगृह्यताम्॥

अगरबत्ती का चुनाव कैसे करें?

अगरबती शुद्धता और उच्च गुणवत्ता वाली हो, ये बहुत जरूरी है। जब भी आप अगरबत्ती का चयन पूजा के लिए करें तो, प्राकृतिक पदार्थों से निर्मित अगरबत्ती को ही प्राथमिकता देना चाहिए क्योंकि ऐसी अगरबत्ती पॉजिटिव एनर्जी के साथ ही शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं मानी जाती है।

अगरबत्ती कितने प्रकार की होती है

1. सूखे फूलों से निर्मित अगरबत्ती

कई बार बाजार में रासायनिक पदार्थों और हानिकारक केमिकल से बनने वाली अगरबत्तियां भी मिल जाती हैं। जिनका प्रभाव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। 

ऐसे में मंदिर और पूजा स्थलों से एकत्रित किए गए फूलों को सुखाकर बनाई गई अगरबत्ती का उपयोग कर हम आसपास के वातावरण और पूजा स्थल से लेकर घर में भी सकारात्मक ऊर्जा से भर सकते है।

2. देशी गाय के गोबर से निर्मित अगरबत्ती या धूपबत्ती

गोबर अगरबत्ती या धूपबत्ती, पूजा में उपयोग की जाने वाली एक प्रकार की धूप है। यह गाय के गोबर से बनाई जाती है। गोबर धूपबत्ती या अगरबत्ती पूजा के लिए अच्छी मानी जाती है। गोबर धूपबत्ती का इस्तेमाल धार्मिक आयोजनों में बहुत प्राचीन समय से किया जाता रहा है। इसे धूपबत्ती के रूप में पूजा मंदिरों और घरों उपयोग किया जाता है।

3. तुलसी के पत्तों से निर्मित अगरबत्ती

तुलसी का हिंदू धर्म में सबसे अधिक महत्व माना जाता है। हर हिंदू परिवार में तुलसी का पौधा जरूर स्थापित होता है। तुलसी के पत्तों का उपयोग प्राकृतिक अगरबत्तियों के निर्माण में भी किया जाता है। तुलसी के सूखे पत्तों से निर्मित अगरबत्ती उच्च गुणवत्ता के साथ ही पूर्णत: प्राकृतिक होने के साथ ही इसका उपयोग मन को आत्म शांति का अनुभव कराने वाला होता है।

a person holding a lit cigarette

4. धूप कोन

धूप कोन को वातावरण के शुद्धिकरण और सफाई के प्रयोग किया जाता है। इसका इस्तेमाल कई लोग वातावरण को पवित्र बनाने, ध्यान और प्रार्थना के लिए करते हैं। इसका प्रयोग करना धूपबत्ती की तुलना में आसान होता है, क्योंकि, ये नमी वाले मौसम में भी आसानी से जल जाती है और सुगंध भी भरपूर देती है।

अगरबत्ती या धूपबत्ती है आत्म-खोज की ओर सुगंधित यात्रा

अगरबत्ती या धूपबत्ती की शक्ति का अनुभव करें और अपने स्थान को शांति और सकारात्मक ऊर्जा में बदल दें। अगरबत्ती ध्यान की अवस्था को स्थिरता प्रदान करती है। इससे मानसिक शांति प्राप्त होती है। 

अगर आप भगवत भक्ति या आत्मस्वरूप में लीन होना चाहते हैं तो, अगरबत्ती या धूपबत्ती जलाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

अगरबत्ती जलाते समय इन बातों का रखें ध्यान

सभी ज्वलनशील चीजों की तरह, हम आपको याद दिलाना चाहते हैं कि अगरबत्ती का इस्तेमाल करते समय आपको सावधानी बरतनी चाहिए।

  • जब अगरबत्ती को जलाएं तो उसे ऐसी सतह पर रखें जो गर्मी प्रतिरोधी हो, तथा आस-पास कोई ज्वलनशील वस्तु जैसे पर्दा या किताब न हो जहां राख गिर सकती हो।
  • अगरबत्ती या धूपबत्ती को बिना देखे न छोड़ें
  • छोटे बच्चों या पालतू जानवरों की पहुंच से दूर रखें
  • अगरबत्ती जलने के तुरंत बाद उसके बचे हुए हिस्से को न छुएं। 
  • जलने के तुरंत बाद अगरबत्ती के धातु वाले हिस्से को न छुएं। ये दोनों अभी भी गर्म हो सकते हैं। इन्हें ठंडा होने में कुछ मिनट लग सकते हैं।