हिंदू धर्म में पूजा सामग्री की आवश्यकता क्यों पड़ती है, जानें पूजन सामग्री से जुड़ी खास बातें

इस आर्टिकल में हम आपको पूजा कर्म में पूजन सामग्री के महत्व के बारे में जानकारी देंगे। इस आर्टिकल को पढ़कर आपका मन और ज्यादा शान्ति और ज्ञान प्राप्त कर सकेगा।

आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतोऽदब्धासो अपरीतास उद्भिदः। 

देवा नोयथा सदमिद् वृधे असन्नप्रायुवो रक्षितारो दिवेदिवे॥

मनुष्य अपने जीवन में सुख समृद्धि के लिए प्रतिदिन अथक परिश्रम करता है। 24 घंटे मेहनत करके वह अपने परिवार को बेहतर सुविधाएं देने का प्रयास करता हैं। ऐसे में इंसान का सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज होना बहुत ही जरूरी है। 

जब तक दिमाग शांत और स्थिर नहीं होगा, तब तक मन के अनगिनत विचार उसे क्रोध की अग्नि में धकेल सकते हैं। क्रोध के आवेश में आकर कई बार इंसान ऐसे कदम उठा लेता है, जिससे उसे फिर जिंदगी भर पश्चाताप होता रहता है।

ऐसी गलतियों से बचने के लिए इंसान को चाहिए कि प्रतिदिन सुबह उठकर घर के पूजा स्थल में पहुंचकर दैनिक पूजा आदि क्रियाएं करें ताकि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।

इसलिए, इस आर्टिकल में हम आपको पूजा कर्म में पूजन सामग्री के महत्व के बारे में जानकारी देंगे। इस आर्टिकल को पढ़कर आपका मन और ज्यादा शान्ति और ज्ञान प्राप्त कर सकेगा।

क्यों करते हैं पूजा-पाठ?

पूजा पाठ आदि की धार्मिक क्रियाएं ही मन को शांति और सुकून प्रदान करती है। इससे दिमाग स्थिर रहता है साथ ही भगवान की भक्ति आदि करने से विशेष पुण्य का संचय होने से बाधाएं पास नहीं फटकती हैं।

देव पूजन की विधि सामान्यत: अतिथि सत्कार की पुरातन परंपरा के समान है। इसके अंतर्गत हम भगवान का आह्वान करते हुए विभिन्न पूजन सामग्री से उनकी सेवा सत्कार की भावना करते हैं। जिससे हमारे अशुभकर्म शुभकर्मों में बदल जाते हैं।

a tray with food on it

विधिवत पूजा के लिए जरूरी है पूजन सामग्री

पूजन विधि के लिए कोई एकरूप प्रक्रिया निर्धारित नहीं की जा सकती, क्योंकि अवसर व देव के अनुसार प्रक्रिया परिवर्तित हो सकती है।

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ में इस्तेमाल होने वाली हर सामग्री का विशेष महत्व होता है। पूजा में आवश्यकतानुसार चौक, रोली, प्राकृतिक अगबत्ती, प्राकृतिक धूपवत्ती, अक्षत, फल, फूल, नारियल या लौंग का अपना एक अलग महत्व होता है। 

पूजा से पहले पूजन सामग्री को शुद्ध करने हेतु श्लोक का करें पाठ…

बायें हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ से अपने ऊपर और पूजा सामग्री पर निम्न श्लोक पढ़ते हुए छिड़कें।

ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा।

यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः।।

ॐ पुण्डरीकाक्षः पुनातु।

ॐ पुण्डरीकाक्षः पुनातु।

ॐ पुण्डरीकाक्षः पुनातु।

जानिए पूजा में प्राकृतिक सामग्री का उपयोग क्यों जरूरी है…

प्राकृतिक सामग्री में ज्यादातर सुगंधित वस्तुओं का उपयोग किया जाता है। इन सभी सामग्रियों का न सिर्फ आध्यात्मिक बल्कि औषधीय महत्व भी है। ये वातावरण को शुद्ध करती हैं और चित्त को स्थिर करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

  • मन को एकाग्र रखने के लिए सुगंध का प्रयोग करते हैं।
  • तनाव घटाने के लिए भी सुगंध का प्रयोग किया जाता है।
  • अगरबत्ती या धूपबत्ती को जलाने वातावरण स्वच्छ होता है
  • प्राकृतिक पूजन सामग्री के प्रयोग से नकारात्मक एनर्जी खत्म होती है।
  • पूजा करने में विशेष मन लगता है।

इन पूजन सामग्री के बिना कोई भी पूजा-पाठ या हवन अधूरा माना जाता है। ज्योतिषों के मुताबिक पूजन सामग्री का इस्तेमाल जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए किया जा सकता है।