रक्षा बंधन का त्योहार भाई- बहन के पवित्र बंधन का पर्व है। सनातन हिंदू धर्म में इसे पर्वों का राजा कहा जाता है। रिश्तों की अहमियत क्या होती है यह त्योहार हमें शिक्षा देता है।
परिवार में बहन का क्या स्थान है, यह पर्व हमें बतलाता हैं। यह त्योहार मात्र एक धागे की डोर का नहीं बल्कि भाई-बहने अटूट आत्मीय संबंध का मजबूत जोड़ है।
रक्षा बंधन दिवस पर इन खास बातों का रखें ध्यान
रक्षाबंधन के दिन भाई-बहन सुबह स्नान व ध्यान के बाद एक साथ भगवान की पूजा अर्चना जरूर करें। ऐसा करने से रिश्तों में प्रगाढ़ता के साथ ही भगवान की कृपा दृष्टि हमेशा भाई-बहन पर बनी रहती है। इस वर्ष रक्षा बंधन का त्योहार 19 अगस्त 2024, दिन सोमवार को होगा।
परंपरा और हिंदू धर्म के अनुसार रक्षाबंधन के दिन कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी माना जाता है। जैसे,
- रक्षा बंधन की थाली सजाते समय खंडित अक्षत का प्रयोग वर्जित है।
- वास्तु के अनुसार राखी बांधते समय भाई का मुख दक्षिण दिशा की ओर नहीं होना चाहिए।
- राखी बांधते समय मुख उत्तर और पूर्व की ओर होना चाहिए
- विशेष ध्यान रखें कि, रक्षाबंधन के दिन बहन भाई की कलाई पर काली राखी न बांधे
- बहन भाई के माथे पर रोली, चंदन व अक्षत का तिलक लगाकर, आरती उतारने के बाद, भाई के दाईं हाथ की कलाई पर राखी बांधें
- राखी बांधते समय मंत्र का जाप करना चाहिए। शास्त्रों में बताया गया है कि रक्षासूत्र बांधते समय मंत्र के जप से अधिक फल मिलता है।
- राखी बांधने के बाद बहनें भाई को मिठाई खिलाएं।
- राखी बंधवाने के बाद भाई बहन को उपहार जरूर दे खाली हाथ राखी न बंधवाएं।
- भाई बहनों का आशीर्वाद लें, बहनें राखी बांधते समय भाई की लंबी उम्र, सुख और उन्नति की कामना करें।
भाई की कलाई पर राखी बांधते समय इस मंत्र का पाठ करें
येन बद्धो बलि राजा,दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।।
अर्थ: अर्थात् जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को धर्म के बंधन में बांधा गया था, उसी रक्षासूत्र से मैं तुमको बाँधती हूं, यह तुम्हारी रक्षा करेगा । हे रक्षे! (राखी / रक्षासूत्र) तुम चलायमान न हो, चलायमान न हो। हे रक्षे तुम स्थिर रहना, स्थिर रहना, इनकी हर मुश्किल में रक्षा करना ।
भविष्य पुराण में बहनों द्वारा भाइयों को बांधे जाने वाले रक्षा सूत्र के बारे में कहा गया है कि,
सर्व रोग पशमनं सर्वाशुभ विनाशनम।
सुंकृत्कृते नाब्दमेकं येन रक्षा कृता भवेत।।
अर्थात, इस पवित्र पर्व पर धारण करने वाला रक्षा सूत्र उस जातक के समस्त रोगों एवं अशुभ कार्यों को नष्ट कर देता है तथा इसके धारण करने से मनुष्य पूरे वर्ष भर के लिए रक्षित हो जाता है। अत: इस रक्षा सूत्र को अवश्य ही धारण करना चाहिए ।