नवरात्रि का त्यौहार देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इन 9 दिनों तक भक्त विधि-विधान के साथ देवी की पूजा-अर्चना करते हैं। नवरात्रि के दौरान अधिकतर लोग अखंड ज्योति की स्थापना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति जलाने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अगर आपने भी इस नवरात्रि अखंड ज्योति जलाई तो कुछ ऐसी जरूरी बातें हैं, जिनका आपको ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं अखंड ज्योत से जुड़े जरूरी नियम के बारे में…
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अखंड ज्योति जलाने के नियम
- अखंड ज्योति को जलाने के लिए चांदी, पीतल या मिट्टी के दीये का इस्तेमाल करें। अगर मिट्टी के दीये का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो तेल रिसाव को रोकने के लिए इसे रात भर भिगोकर रखें।
- अखंड ज्योति को जलाने के लिए शुद्ध देशी घी या फिर सरसों या तिल के तेल का ही इस्तेमाल करें।
- लंबे समय तक चलने वाली लौ के लिए, लंबी और मोटी बाती का इस्तेमाल करें।
- अखंड ज्योति की स्थापना एक साफ चौकी पर करें।
- देवी के दाईं ओर घी का दीया रखें जबकि बाईं ओर तेल का दीया रखें।
- देवी मां के मंत्र का जाप करते हुए दीया जलाएं।
- अखंड ज्योति के सामने सुबह और शाम दोनों वक्त प्रार्थना के दौरान पवित्र मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- अपनी मनोकामना को श्रद्धा और विश्वास के साथ देवी मां के समक्ष रखें।
- यदि इन नौ दिनों के दौरान कभी भी ज्योत बुझ जाए तो देवी मां से आपको क्षमा मांगनी चाहिए और मंत्रों का जाप करते हुए फिर से दीपक को जलाना चाहिए।
ज्योति बुझने पर इस मंत्र करें जाप
ज्योति बुझने के बाद जब आप उसे दोबारा जलाने जा रहे हैं, तो इन मंत्रों का जाप करें। इस मंत्र से ज्योति को प्रज्वलित करना बेहद शुभ माना जाता है।
ॐ दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते॥
नवरात्रि पर अखंड ज्योति जलाने के लाभ
“अखंड” का अर्थ निरंतर या कभी न बुझने वाला होता है, जबकि “ज्योत” का अर्थ अग्नि होता है। नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति जलाना बेहद शुभ माना जाता है। इससे घर में मां दुर्गा का वास रहता है। हमेशा घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है और सभी संकटों से छुटकारा मिलता है। अखंड ज्योति जलाने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और यह ज्ञान लाता है और अज्ञानता को दूर भगाता है। नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से मन में कभी भी नकारात्मक विचार हावी नहीं होते हैं और मन हमेशा प्रसन्न और शांत रहता है। मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा करने से देवी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।
अखंड ज्योति के दौरान इन चीजों को हमेशा रखें ध्यान
- नवरात्रि के 9 दिनों तक अखंड ज्योति का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- बाती के जले हुए सिरे को नियमित हटाते रहें।
- अखंड ज्योति को बुझने से बचाने के लिए बच्चों को अखंड ज्योत के आस-पास खेलने न दें।
- समय-समय पर दीपक में तेल की निगरानी करें।
- नवरात्रि के 9 दिनों तक अखंड ज्योति को उसके स्थान से न हटाएं।
- दीये को समतल जगह पर रखें और साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि जहां अखंड ज्योति जलाई गई है वह जगह खिड़की या दरवाज़े से दूर हो।
- अखंड ज्योति के दीये को कभी भी ज़मीन पर न रखें।
- अखंड ज्योति के दीये को शौचालय के पास भूलकर भी न रखें।
- अखंड ज्योत जलाने के बाद घर को कभी भी खाली नहीं छोड़ना चाहिए , साथ ही इस दौरान घर में ताला भी नहीं लगाना चाहिए।
अखंड ज्योति जलाने का महत्व
अखंड ज्योति का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। अखंड ज्योति जलते रहना शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। यदि आपने नवरात्रि में अखंड ज्योति का संकल्प लिया है, तो उसका विशेष ध्यान रखें। अखंड ज्योति जलाने से आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। यदि नौ दिन पूरे होने के पश्चात भी दीपक जलता रहे तो इसे फूंक माकर नहीं बुझाएं, बल्कि दीपक को स्वयं ही बुझने दें।