हवन के वैज्ञानिक और रिसर्च आधारित फायदे

Hawan

सनातन धर्म पूर्ण रूप से विज्ञान आधारित धर्म है।

ऐसा कहा जा सकता है कि, हिंदू धर्म, मूल रूप से कोई धर्म नहीं है। बल्कि ये जीवन जीने का तरीका है। शायद यही कारण है कि, परंपराओं में पीढ़ियों से चली आ रही चीजों के पीछे भी वैज्ञानिकता देखने को मिलती है।

यही बात, सनातन हिंदू धर्म का प्राण और आधार कही जा सकने वाले हवन पर भी पूर्ण रूप से लागू होती है। क्योंकि, हिंदू धर्म की परंपराओं के अनुसार, कोई भी शुभ कार्य बिना हवन/यज्ञ के संपूर्ण नहीं माना जाता है। 

इसीलिए, इस आर्टिकल में हम आपको हवन के वैज्ञानिक लाभ के बारे में जानकारी देंगे। इस आर्टिकल को पढ़कर आप भी हवन के वैज्ञानिक महत्व से परिचित हो सकेंगे और अपने जीवन में इसके लाभ उठा सकेंगे।

हवन के वैज्ञानिक लाभ क्या हैं?

हवन, असल में वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसमें जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनने वाली हवन सामग्री और कई प्रकार की लकड़ियों को ​अग्निकुंड में जलाया जाता है। इस क्रिया से उठने वाला धुआं न सिर्फ वातावरण बल्कि हमारे मानसिक-शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।

राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान द्वारा किये गये एक शोध में पाया गया है कि पूजा-पाठ और हवन के दौरान उत्पन्न औषधीय धुआं हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट कर वातावरण को शुद्ध करता है। इस धुएं से बीमारी फैलने की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है।

लकड़ी और औषधीय जडी़-बूटियां जिनको आम भाषा में हवन सामग्री कहा जाता है, साथ मिलाकर जलाने से वातावरण में जहां शुद्धता आ जाती है वहीं हानिकारक जीवाणु 94 प्रतिशत तक नष्ट हो जाते हैं।

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इस शोध की पुष्टि के लिए और हवन के धुएं का वातावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को वैज्ञानिक कसौटी पर कसने के लिए बंद कमरे में प्रयोग किया गया। इस प्रयोग में पांच दर्जन से ज्यादा जड़ी-बूटियों के मिश्रण से तैयार हवन सामग्री का इस्तेमाल किया गया। 

Benefits Of Hawan

हवन के पहले और बाद में कमरे के वातावरण का व्यापक विश्लेषण और परीक्षण किया गया, जिसमें पाया गया कि हवन से उत्पन्न औषधीय धुएं से हवा में मौजूद हानिकारक जीवाणु की मात्र में 94 प्रतिशत तक की कमी आ गई थी।

इस औषधीय धुएं का वातावरण पर असर 30 दिन तक बना रहता है और इस अवधि में जहरीले कीटाणु नहीं पनप पाते। धुएं से न सिर्फ आदमी के स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ता है बल्कि यह प्रयोग खेती में भी खासा असरकारी साबित हुआ है।

कई कृषि वैज्ञानिकों का भी मानना है कि, पहले हुए प्रयोगों में यह पाया गया कि औषधीय हवन के धुएं से फसल को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक जीवाणुओं से भी निजात पाई जा सकती है।

मनुष्य को दी जाने वाली तमाम तरह की दवाओं की तुलना में अगर औषधीय जड़ी-बूटियां और औषधि युक्त हवन के धुएं से कई रोगों में ज्यादा फायदा होता है और इससे कुछ नुकसान नहीं होता। जबकि दवाओं का कुछ न कुछ दुष्प्रभाव जरूर होता है। 

धुआं मनुष्य के शरीर में सीधे असरकारी होता है और ये तरीका दवाओं की अपेक्षा सस्ता और टिकाऊ भी है। आयुर्वेद में भी ‘धूम चिकित्सा’ का उल्लेख मिलता है, जिसमें विशेष प्रकार की औषधियों को जलाकर उठने वाले धुएं का सेवन रोगी को नाक और मुंह से करवाया जाता है।