Bhagvan Vishnu ka Narasimha Avatar: हिंदू पौराणिक कथाओं में भगवान विष्णु को ब्रह्मांड के रक्षक और पालक के रूप में जाना जाता है। जब भी पृथ्वी पर अधर्म और अन्याय का बोलबाला होता है, तब भगवान विष्णु विभिन्न अवतारों के रूप में प्रकट होते हैं। ऐसा ही एक अद्वितीय अवतार है नरसिंह, जो आधे मनुष्य और आधे शेर के रूप में प्रकट हुआ।
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नरसिंह अवतार (Narasimha Avatar) का उद्देश्य
यह अवतार तब प्रकट हुआ जब हिरण्यकशिपु नामक एक शक्तिशाली असुर ने कठोर तपस्या कर भगवान ब्रह्मा से अपार शक्ति का वरदान प्राप्त किया। इस शक्ति के अहंकार में वह देवताओं और मनुष्यों पर अत्याचार करने लगा और सभी से अपनी पूजा करवाने लगा।
प्रह्लाद की भक्ति
हिरण्यकशिपु का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का अनन्य भक्त था। अपने पिता की धमकियों और कष्टों के बावजूद, उसने विष्णु की भक्ति नहीं छोड़ी। प्रह्लाद के इस विश्वास से हिरण्यकशिपु क्रोधित हो गया और उसे मारने के कई प्रयास किए, लेकिन हर बार प्रह्लाद भगवान विष्णु की कृपा से बच जाता था।
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नरसिंह (Narasimha Avatar) का प्रकट होना
एक दिन, हिरण्यकशिपु ने अपने पुत्र से पूछा कि उसका भगवान विष्णु कहाँ है। प्रह्लाद ने शांतिपूर्वक उत्तर दिया कि भगवान विष्णु हर जगह हैं, यहाँ तक कि महल के स्तंभों में भी। क्रोध में आकर, हिरण्यकशिपु ने अपने गदा से एक स्तंभ को मारा, और तभी स्तंभ फट गया और नरसिंह प्रकट हुए।
हिरण्यकशिपु का अंत
नरसिंह ने हिरण्यकशिपु को अपने गोद में बैठाकर अपने तीखे नाखूनों से फाड़ डाला, इस प्रकार भगवान ब्रह्मा द्वारा दिए गए वरदान की सभी शर्तों को पूरा किया। इसे सांझ के समय, न अंदर और न बाहर, न मनुष्य द्वारा और न ही पशु द्वारा, न हथियार से और न ही हाथ से मारा गया।
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आध्यात्मिक महत्व
नरसिंह अवतार हमें यह सिखाता है कि सच्चे भक्त की रक्षा के लिए भगवान अवश्य हस्तक्षेप करेंगे। यह रूप अच्छाई की बुराई पर विजय और विश्वास और भक्ति की शक्ति का प्रतीक है।
कला और संस्कृति में नरसिंह
मंदिरों में नरसिंह की मूर्तियों और चित्रकारी में उन्हें हिरण्यकशिपु को फाड़ते हुए दिखाया गया है, जो भगवान विष्णु की शक्ति और करुणा को दर्शाता है। आहबिलम और हम्पी के नरसिंह मंदिर इस अवतार को समर्पित प्रसिद्ध पूजा स्थल हैं।
उत्सव और त्यौहार
नरसिंह जयंती को विशेष प्रार्थना, अनुष्ठान और धार्मिक कार्यों के साथ मनाया जाता है। भक्त अपने दैवीय रक्षक के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।