महाशिवरात्रि 2025: भगवान शिव से जुड़े 10 महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर

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Know Everything Related to MahaShivRatri 2025: महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के भक्त व्रत, पूजा और रात्रि जागरण करके महादेव की कृपा प्राप्त करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महाशिवरात्रि का महत्व क्या है और भगवान शिव से जुड़े कुछ रहस्यमयी तथ्य कौन-कौन से हैं? यहां हम महाशिवरात्रि और भगवान शिव से जुड़े 10 महत्वपूर्ण और प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर दे रहे हैं।

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Credit: citybit

महाशिवरात्रि कब मनाई जाती है?

महाशिवरात्रि हर साल हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है जो कि अधिकतर फ़ेरबरी या मार्च के महीने में आती है । 2025 में यह पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा।

महाशिवरात्रि का क्या महत्व है?

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पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। कई लोग ये भी मानते हैं कि इसी दिन भगवन शिव का प्रकाश लिंग उत्पन्न हुआ था जिसने ब्रह्म देव और श्री हरी विष्णु के बीच का विवाद शांत कराया था।

भगवान शिव का सबसे प्रिय भोग क्या है?

वैसे तो भोलनाथ भक्त द्वारा अर्पित किया हुआ कुछ भी ग्रहण कर लेते हैं किन्तु मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को भांग, धतूरा, बेलपत्र, गंगा जल और दूध विशेष रूप से प्रिय हैं। भक्त इन्हें शिवलिंग पर चढ़ाकर महादेव की कृपा प्राप्त करते हैं।

महाशिवरात्रि के दिन व्रत कैसे रखा जाता है?

महाशिवरात्रि का व्रत निर्जला या फलाहार के रूप में रखा जाता है। भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और रात्रि में शिव जी की पूजा और जागरण करते हैं।

भगवान शिव को किस नाम से जाना जाता है?

भगवान शिव को महादेव, नीलकंठ, भोलेनाथ, शंकर, त्रिनेत्रधारी, पशुपतिनाथ, रुद्र, कैलाशपति आदि नामों से जाना जाता है।

शिवलिंग की पूजा क्यों की जाती है?

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शिवलिंग ब्रह्मांडीय ऊर्जा और सृजन का प्रतीक है। इसे भगवान शिव के निराकार रूप का प्रतीक माना जाता है, जो संपूर्ण सृष्टि का आधार है।

महाशिवरात्रि की रात जागरण करने का क्या महत्व है?

महाशिवरात्रि की रात को जागरण करने से शिव कृपा प्राप्त होती है। यह रात आत्मशुद्धि और भक्ति की चरम सीमा तक पहुंचने का अवसर प्रदान करती है।

क्या महाशिवरात्रि पर जल अर्पित करने का कोई विशेष कारण है?

धार्मिक मान्यता के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब भगवान शिव ने विष का पान किया था तो इस विष के कारण भगवान शिव का शरीर तपने लगा था तब उनके शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए उनके शिवलिंग पर जल, दूध एवं दही अर्पित किया गया था और तब से ही यह प्रथा बन गई।

महाशिवरात्रि पर कौन-से मंत्र का जाप करना चाहिए?

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महाशिवरात्रि पर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप सबसे उत्तम माना जाता है। इसके अलावा “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप भी बहुत लाभकारी होता है।

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए?

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सच्चे मन से उनकी आराधना करें, बेलपत्र, धतूरा और गंगाजल चढ़ाएं, ओम नमः शिवाय का जाप करें, शिव चालीसा का पाठ करें और जरूरतमंदों की सेवा करें।

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