पांच दिनों तक चलने वाले दीपों के त्यौहार दीपावली की शुरुआत धनतेरस (Dhanteras) के दिन से ही हो जाती है। धनतेरस के बाद नरक चतुर्दशी (Narak chaturdashi) जिसे छोटी दीवाली भी कहा जाता है जो दीपावली से ठीक है एक दिन पहले मनाई जाती है। नरक चतुर्दशी के दिन यम का दीपक जलाना शुभ माना जाता है। यम का दीपक जलाकर लोग अपने परिवार की अकाल मृत्यु से बचने की कामना करते हैं। यह दीया परिवार के सबसे बड़े सदस्य के माध्यम से दक्षिण दिशा में घर में जलाकर रखवाया जाता है। तो चलिए जानते है इसे ओर किन नामों से जाना जाता है।
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नरक चतुर्दशी के कई नाम
दीपावली से ठीक 1 दिन पहले नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) मनाई जाती है, जिसे लोग बोलचाल की भाषा में छोटी दीवाली के रूप में जानते हैं। इसे कई अन्य नाम से भी जाना जाता है जैसे कि रूप चौदस, रूप चतुर्दशी, भूत चतुर्दशी, नरक निवारण चतुर्दशी आदि। इस दिन लोग मृत्यु के देवता भगवान यम का दीपक जलाकर मोक्ष के लिए यमराज सहित कई अन्य देवी देवताओं की पूजा करते हैं। इस दिन महाकाली की भी पूजा की जाती है। इस अवसर पर विशेष अनुष्ठानों और परंपराओं का पालन करना महत्वपूर्ण माना जाता है।
कब और क्यों मनाई जाती है नरक चतुर्दशी?
कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर दीपावली से ठीक 1 दिन पहले नरक चतुर्दशी का त्यौहार मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान कर यम तर्पण किया जाता है और शाम के समय दीपदान किया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार यह बेहद महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।
श्री कृष्ण ने किया था नरकासुर का वध
पौराणिक मान्यताओं में प्राचीन काल में नरकासुर नामक एक राक्षस ने अपनी शक्तियों से देवताओं और ऋषि मुनियों के साथ 16 हजार एक सौ राजकुमारी को बंदी बना लिया था। जिसके अत्याचारों से त्रस्त होकर देवता और साधु संत भगवान श्री कृष्ण के पास गए। नरकासुर को किसी स्त्री के हाथों ही मरने का श्राप था, इसलिए भगवान श्री कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की मदद से नरकासुर का कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को वध किया और उसकी कैद से 16100 कन्याओं को आजाद भी कराया। वहीं नरकासुर से मुक्ति पाकर देवता गण और पृथ्वी पर रहने वाले लोग बहुत प्रसन्न हो गए और उन्होंने इसी खुशी के कारण उस दिन दीपक जलाए। माना जाता है कि इस दिन से ही इस पर्व को मनाने की परंपरा शुरू हुई।
नरक चतुर्दशी 2024 पर क्या करें
1. इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और माथे पर तिलक लगाएं।
2. नरक चतुर्दशी पर यम के नाम पर एक दीपक जलाएं, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यम की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
3. इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है।
4. इस दिन 14 दीपक जलाकर घर के अलग-अलग हिस्सों में रखें।