महाकुंभ 2025 में भाग लेने वाले प्रमुख अखाड़े और उनकी धार्मिक परंपराएँ

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Famous Akharas in Kumbh Mela: महाकुंभ 2025 एक धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है जो हर चार साल में आयोजित होता है और हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक अत्यधिक महत्वपूर्ण अवसर होता है। इस महान अवसर पर भारत के विभिन्न हिस्सों से लाखों लोग संगम में गंगा, यमुना और सरस्वती में स्नान करने के लिए आते हैं, जिससे उनके पापों का नाश होता है और आत्मा को शुद्धि प्राप्त होती है। महाकुंभ के दौरान, विभिन्न अखाड़े शाही स्नान करते हैं और भक्तों को धर्म, साधना और तपस्या का महत्व समझाते हैं।

महाकुंभ 2025 में भाग लेने वाले प्रमुख अखाड़े धार्मिक परंपराओं और उनके अनुयायियों के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किए जाते हैं। इन श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक अखाड़े के साधु अपनी-अपनी परंपराओं और भक्ति के तरीकों से समाज में एकता, प्रेम और शांति का संदेश फैलाते हैं। यहाँ हम प्रमुख 13 अखाड़ों को उनके धार्मिक विचारों और पंथों के आधार पर वर्गीकृत करेंगे:

शैव अखाड़े (Shaiva Akharas in Kumbh Mela)

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Credit: Hindustan Times

शैव अखाड़े उन साधुओं के समूह होते हैं जो भगवान शिव की पूजा करते हैं और उनकी भक्ति में संलग्न रहते हैं। ये अखाड़े तप, ध्यान, साधना और आत्मज्ञान के प्रति गहरी श्रद्धा रखते हैं। शैव अखाड़े महाकुंभ में अपनी विशिष्ट उपस्थिति दर्ज कराते हैं।

निर्वाणी अखाड़ा

यह अखाड़ा विशेष रूप से शंकराचार्य द्वारा स्थापित किया गया था और शैव परंपरा के अनुयायी इसमें शामिल होते हैं। निर्वाणी अखाड़ा का मुख्य उद्देश्य साधुओं को धर्म की शिक्षा देना और भगवान शिव के प्रति भक्ति में लीन करना है। इस अखाड़े के सदस्य कठोर तप और साधना करते हैं।

अग्नि अखाड़ा

अग्नि अखाड़ा शैव परंपरा का पालन करता है, जहां साधु अग्नि देवता की पूजा करते हैं। इस अखाड़े के साधु विशेष रूप से कठोर तपस्या में विश्वास रखते हैं और उन्होंने भगवान शिव के आशीर्वाद के लिए आग के माध्यम से साधना की होती है।

महाकाल अखाड़ा

महाकाल अखाड़ा उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग से जुड़ा हुआ है और यह शैव परंपरा के अनुयायियों द्वारा संचालित होता है। महाकाल अखाड़ा का मुख्य उद्देश्य शिव की पूजा करना और समाज में शिव भक्ति का प्रचार करना है।

शंकर अखाड़ा

यह अखाड़ा भगवान शंकर की भक्ति में लीन है और शैव पंथ के अनुसार कार्य करता है। यह अखाड़ा विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा और अनुष्ठान के लिए प्रसिद्ध है।

नागा अखाड़ा

नागा साधु शैव परंपरा से संबंधित होते हैं और यह अखाड़ा विशेष रूप से नग्न अवस्था में तपस्या और साधना करने वाले साधुओं का समूह है। नागा साधु महाकुंभ में शाही स्नान के दौरान अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं, जो शैव आस्थाओं का प्रतिनिधित्व करता है।

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वैष्णव अखाड़े (Vaishnav Akharas in Kumbh Mela)

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Credit: Maha Kumbh Mela 2025

वैष्णव अखाड़े भगवान विष्णु और उनके अवतारों के अनुयायी होते हैं। इन अखाड़ों में साधु विष्णु भक्ति में लीन रहते हैं और उनके आदर्शों का पालन करते हैं। वैष्णव परंपरा का पालन करने वाले साधु महाकुंभ में धार्मिक अनुष्ठान करते हैं और समाज में धार्मिक चेतना फैलाते हैं।

राम अखाड़ा

राम अखाड़ा भगवान राम के अनुयायी साधुओं का अखाड़ा है। इस अखाड़े का उद्देश्य भगवान राम की उपासना करना और उनके आदर्शों का पालन करना है। यह अखाड़ा विशेष रूप से राम भक्ति के लिए प्रसिद्ध है।

स्वामी नारायण अखाड़ा

स्वामी नारायण अखाड़ा, स्वामी नारायण के उपदेशों पर आधारित है और यह अखाड़ा विशेष रूप से वैष्णव परंपरा के अनुयायियों द्वारा संचालित होता है। इस अखाड़े के साधु सत्य, अहिंसा और प्रेम के मार्ग का पालन करते हैं और समाज में अच्छे कार्यों को बढ़ावा देते हैं।

पूनमिया अखाड़ा

पूनमिया अखाड़ा विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा करने वाले साधुओं का अखाड़ा है। इसमें वैष्णव परंपरा का पालन किया जाता है और यह अखाड़ा भक्तिरूपी साधना और तपस्या के लिए प्रसिद्ध है।

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निरमोही अखाड़े (Nirmohi Akharas in Kumbh Mela)

Nirmohi Akharas
Credit: Hindustan Times

निरमोही अखाड़े वे होते हैं जिनके साधु किसी भी प्रकार के सांसारिक मोह-माया से दूर रहते हुए पूरी तरह से भक्ति में लीन रहते हैं। इन अखाड़ों के सदस्य तपस्या, साधना और उपासना के माध्यम से अपने आत्मा को शुद्ध करने का प्रयास करते हैं।

अर्थी अखाड़ा

अर्थी अखाड़ा निरमोही पंथ का प्रमुख अखाड़ा है। इस अखाड़े के साधु कोई सांसारिक इच्छाएँ नहीं रखते और वे भगवान के प्रति अपने पूर्ण समर्पण के साथ भक्ति करते हैं। यह अखाड़ा त्याग और तपस्या के आदर्शों का पालन करता है।

सिद्ध अखाड़ा

सिद्ध अखाड़ा उन साधुओं का अखाड़ा है जो ध्यान, योग और तंत्र-मंत्र के माध्यम से आत्मा को परमात्मा से मिलाने का प्रयास करते हैं। यह अखाड़ा निरमोही पंथ के अनुयायियों का समूह है, जो साधना और तपस्या में लगे रहते हैं।

ज्ञान गंगा अखाड़ा

ज्ञान गंगा अखाड़ा विशेष रूप से धार्मिक शिक्षा और ज्ञान का प्रचार करता है। इसके साधु वेदों, शास्त्रों और अन्य धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करते हैं और आत्मा को शुद्ध करने के लिए अपने जीवन का उद्देश निर्धारित करते हैं।

सिख अखाड़े (Sikh Akharas)

सिख अखाड़े सिख धर्म से संबंधित होते हैं और इनका उद्देश्य गुरु नानक के उपदेशों का पालन करना है। सिख अखाड़ों के साधु गुरु की शिक्षाओं का प्रचार करते हैं और सिख धर्म के अनुयायियों को सही मार्गदर्शन देते हैं।

शिरोमणी अखाड़ा

यह अखाड़ा सिख धर्म का प्रमुख अखाड़ा है और सिख पंथ के अनुयायी इसमें शामिल होते हैं। इस अखाड़े का मुख्य उद्देश्य गुरु नानक के उपदेशों को फैलाना और सिख धर्म के सिद्धांतों का पालन करना है।

महाकुंभ 2025 में भाग लेने वाले ये 13 प्रमुख अखाड़े अपनी विशिष्ट धार्मिक परंपराओं के अनुसार धर्म, भक्ति, और तपस्या का प्रचार करते हैं। इन अखाड़ों के साधु अपने जीवन को भगवान के चरणों में समर्पित करते हुए समाज को अच्छाई, प्रेम और शांति का संदेश देते हैं।