सावन शिवरात्रि पर कीजिए इन मंत्रों का जाप, कर्ज मुक्ति और मनोकामनाएं होंगी पूर्ण

Shivratri

सावन शिवरात्रि – जीवन में उतार-चढ़ाव आना स्वाभाविक है लेकिन कुछ कर्म हमारे हाथ में भी होते हैं जिन्हें सत्कर्मों में बदकर अपने भाग्य की रेखाओं को पूरी रह बदल सकते हैं। बस इच्छा सकती के साथ भगवान महाकाल के प्रति अगाध श्रद्धा की जरूरत है जिसने शिव का ध्यान किया वह शिवमय हो गया। 

संकट हारी और मंगलकारी भगवान आशुतोष, जिनकी कृपा भक्तों पर हमेशा बनी रहती है। भगवान शिव जी देवों के देव महादेव कहलाते हैं। अगर भगवान भोले नाथ की पूजा और अनुष्ठान विधिवत नियमों के अनुसार किया जाये तो निश्चित ही वह फलदायी साबित होता है। 

आज हम आपको बताने वाले है ऐसे चमत्कारी और अलौकिक मंत्रों के बारे में जिनका जाप और पाठ श्रावण मास में पड़ने वाली शिवरात्रि में करने पर किसी भी तरह का कोई भी संकट हमारे आसपास भी नहीं भटक सकता।

जानिए सावन शिवरात्रि की शुभ तिथि

सावन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 02 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 03 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर होने जा रहा है। मासिक शिवरात्रि की पूजा निशा काल में करने का विधान है। ऐसे में मासिक शिवरात्रि का व्रत 02 अगस्त 2024, शुक्रवार के दिन किया जाएगा।

वन माह में पड़ने वाली शिवऱात्रि को सावन शिवरात्रि कहते हैं। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं।

शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी, सरस्वती, इंद्राणी, गायत्री, सावित्री, पार्वती और रति ने शिवरात्रि का व्रत किया था और शिव कृपा से अनंत फल प्राप्त किए थे। मासिक शिवरात्रि के दिन श्रद्धालु उपवास कर शिवलिंग की पूजा करते हैं और उनसे अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की गुहार लगाते हैं।

इन श्लोक और मंत्रों के पाठ से भगवान शिव होते हैं प्रसन्न

रोग मुक्ति पाने का मंत्र

माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।

आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

जीवन में धन संपदा पाने के लिए

ॐ हृौं शिवाय शिवपराय फट्।।

शत्रु को परास्त करने के लिए

ॐ मं शिव स्वरुपाय फट्।।

किसी भी कार्य में सफलता प्राप्ति के लिए

ॐ नमः शिवाय।।

अकाल मृत्यु से मुक्ति

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

सावन शिवरात्रि के मंत्र

शंकराय नमसतेतुभ्यं नमस्ते करवीरक।

त्र्यम्बकया नमस्तुभ्यं महेश्वरमतः परम्।।

नमस्तेअस्तु महादेवस्थाणवे च ततछ परम्।

नमः पशुपते नाथ नमस्ते शम्भवे नमः।।

नमस्ते परमानन्द नणः सोमार्धधारिणे।

नमो भीमायचोग्राय त्वामहं शरणं गतः।

जलाभिषेक कराते समय करें इस मंत्र का जाप

ओम वरुणस्योत्म्भनमसि वरुणस्य सकम्भ सज्जर्नीस्थो।

वरुणस्य ऋतसदन्यसि वरुणस्य ऋतसदनमसि वरुणस्य ऋतसदनमासीद् ।।

मनोकामना की पूर्ति के लिए

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।

नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न कराय नमः शिवाय।।

नकारात्मक शक्ति से मुक्ति के लिए

प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं।

त्र्यः शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं भजेऽहम् भवानीपतिं भावगम्यम्।।

धन प्राप्ति के लिए

विशुद्धज्ञानदेहाय त्रिवेदीदिव्यचक्षुषे।

श्रेयः प्राप्तिनिमित्ताय नमः सोमाद्रधधारिणे।।

कर्ज मुक्ति के लिए

“ऊं ऋणमुक्तेश्वराय नमः शिवाय “

सावन शिवरात्रि के पावन पर्व पर, भगवान शिव की कृपा से जीवन में आने वाली सभी विपत्तियों से मुक्ति पाई जा सकती है। इस शुभ अवसर पर विधिपूर्वक पूजा और मंत्रों का जाप करना, न केवल हमारे संकटों को हरता है, बल्कि हमें आध्यात्मिक शांति और समृद्धि भी प्रदान करता है। श्रद्धा और विश्वास के साथ महादेव की अराधना करने से हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। सावन शिवरात्रि का यह विशेष दिन हमें अपने भीतर की आध्यात्मिक शक्ति को पहचानने और भगवान शिव की कृपा से अपने जीवन को श्रेष्ठ मार्ग पर ले जाने का अवसर प्रदान करता है। शिव की भक्ति से शिवत्व को प्राप्त करें, और इस शिवरात्रि पर महादेव से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें। ओम् नमः शिवाय।