हिंदू सनातन धर्म का सबसे पवित्र मास श्रावण मास है। यह मास भक्त को भगवान के नजदीक ले जाने वाला है। श्रावण महीना व्रत-उपवास और ईश्वरीय गुणों के गुणगान का महीना है, सावन में जो जितना अधिक पूजन-हवन आदि वैदिक क्रियाओं में मन को लगाएगा उसके सारे मनोरथ बिना मांगे ही पूरे हो जाएंगे।
शास्त्रों में इस माह की अगाध महिमा बताई गई है भगवान शिव इस महीने पृथ्वीलोक पर निवास करते है। कहा जाता है कि इस महीने भगवान शिव अपनी ससुराल जाते हैं। भोले भंडारी और मां पार्वती की उपासना जिसने सच्चे मन से की उसके सकल मनोरथ पूर्ण हुए बिना नहीं रहते।
सावन के सोमवार का व्रत करना तो हर कोई चाहता है लेकिन कई बार अज्ञानतावश हमें पता ही नहीं रहता की व्रत कैसे किया जाता है। व्रत रखते तो हैं लेकिन व्रती के योग्य जो
धार्मिक क्रियाएं और सदाचरण होना चाहिए वह नहीं करते जिससे किए हुए व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।
इसलिए, आज हम इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं कि, श्रावण सोमवार व्रत की महिमा क्या है? इस व्रत को कैसे किया जाए और व्रत की महिमा क्या है? इस आर्टिकल को पढ़कर आप भी भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने के अधिकारी हो सकेंगे।
श्रावण सोमवार व्रत और पूजन की सामग्री
पूजन सामग्री में जल, दूध, दही, चीनी, घी, शहद, पंचामृत, मौली, वस्त्र, जनेऊ, चंदन, रोली, चावल, फूल, बेलपत्र, भांग, आक-धतूरा, कमल गट्टा, प्रसाद, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, मेवा, दक्षिणा आदि चढ़ाया जाता है। इस बात का भी पूरा ध्यान रखें कि सामग्री पूर्णत: शुद्ध होनी चाहिए।
श्रावण सोमवार पर इस तरह करें व्रत की शुरुआत
भगवान शिव की पूजा का दिन होता है श्रावण सोमवार। इस दिन व्रती घर या मंदिर में शिवलिंग पर जल में गंगाजल डालकर जल अभिषेक करें। फिर भगवान शिव को पंचामृत चढ़ाएं।
सफेद चंदन से शिवलिंग पर दाएं हाथ की तीन अंगुलियों से त्रिपुंड बनाएं, अन्य पूजा सामग्री अर्पित करें। व्रत करने के बाद भगवान श्री गणेश जी, भगवान शिवजी, माता पार्वती व नंदी देव की पूजा करना भी बहुत जरूरी माना जाता है।
भगवान भोले नाथ को लगाएं भोग
भोलेनाथ को हलवा, दही, भांग, पंचामृत, शहद, दूध, सफेद बर्फी, मालपुआ, ठंडई, लस्सी, सूखे मेवे आदि का भोग लगा सकते हैं। यह सारी चीजें शिव जी को बहुत पसंद हैं।
महामृत्युंजय मंत्र का करें पाठ
- ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ
- ॐ नमः शिवाय
श्रावण सोमवार व्रत के नियम
धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन सोमवार व्रत फलाहार करते हुए रखा जाता है। इस व्रत में अन्न सेवन की मनाही रही है। इस दिन सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करना चाहिए।
इसके बाद भोलेनाथ को दूध, गंगाजल, शहद, घी, अक्षत व बेलपत्र आदि अर्पित करना चाहिए। व्रत रखने वालों को दिन में सोना नहीं चाहिए। साथ ही टीवी-सिनेमा आदि देखने से बचना चाहिए। इस दिन पूरे दिन हमें धार्मिक शास्त्रों का पाठ करना चाहिए।
भगवान शिव जी की पूरे दिन आराधना करनी चाहिए। साथ ही कई व्रत रखने वाले चाय और कॉफी पी लेते हैं जो कि व्रत के दौरान वर्जित होती है।
ॐ नमः शिवाय