पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष के रूप में भी जाना जाता है, हिन्दू पंचांग में एक महत्वपूर्ण समय होता है जब लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करते हैं। यह समय उन पूर्वजों को सम्मानित करने का होता है जिन्होंने अपने जीवन में योगदान दिया और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है। इस समय के दौरान कुछ विशेष परंपराएँ और नियम होते हैं जिनका पालन किया जाना चाहिए। आइए जानते हैं कि पितृ पक्ष में कौन सी चीजें नहीं करनी चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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5 खाद्य पदार्थ जो न खाएं:
- मांसाहारी भोजन: पितृ पक्ष के दौरान मांस, मछली, और अंडे का सेवन वर्जित होता है। इसे अपवित्र माना जाता है और यह श्राद्ध के लिए अनुकूल नहीं होता।
- प्याज और लहसुन: ये तामसिक भोजन की श्रेणी में आते हैं और श्राद्ध कर्म में इनका प्रयोग नहीं किया जाता।
- शराब: किसी भी प्रकार की शराब का सेवन पितरों का अपमान माना जाता है, इसलिए इसे पूरी तरह से त्याग देना चाहिए।
- प्रोसेस्ड और जंक फूड: पितरों के लिए प्रसाद के रूप में ताजा और सात्विक भोजन चढ़ाया जाता है। इसलिए प्रोसेस्ड और जंक फूड से दूर रहना चाहिए।
- ज्यादा मसालेदार और तली-भुनी चीजें: पितृ पक्ष में सात्विक और हल्का भोजन खाने की सलाह दी जाती है। बहुत ज्यादा मसालेदार या तली-भुनी चीजें खाने से बचें।
5 चीजें जो न खरीदें:
- नए कपड़े: पितृ पक्ष में नए कपड़े खरीदना या पहनना अशुभ माना जाता है क्योंकि यह समय पूर्वजों की शांति और श्रद्धांजलि के लिए होता है।
- महंगी वस्तुएं: इस अवधि में किसी भी प्रकार की महंगी वस्तुएं जैसे गहने, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि खरीदने से बचना चाहिए।
- फर्नीचर: पितृ पक्ष के दौरान घर के लिए फर्नीचर या सजावट की वस्तुएं खरीदने की मनाही होती है।
- सोना और चांदी: इस समय सोना, चांदी या कीमती धातुओं की खरीदारी वर्जित मानी जाती है।
- जमीन-जायदाद: पितृ पक्ष में जमीन-जायदाद की खरीद-बिक्री भी अशुभ मानी जाती है और इससे बचने की सलाह दी जाती है।
5 चीजें जो न करें:
- शादी या शुभ समारोह: पितृ पक्ष में शादी, गृह प्रवेश, या अन्य शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। यह समय श्रद्धा और शांति का होता है।
- बाल कटवाना या शेविंग: इस समय बाल कटवाना या शेविंग करना भी वर्जित होता है, क्योंकि यह शोक और श्रद्धा का समय होता है।
- उत्सवों में शामिल न हों: पार्टियों, त्योहारों या किसी भी प्रकार के उत्सव में शामिल होने से बचें। यह समय ध्यान, पूजा और पूर्वजों के लिए प्रार्थना का होता है।
- नए काम की शुरुआत न करें: इस समय किसी भी नए व्यापार, प्रोजेक्ट या व्यक्तिगत यात्रा की शुरुआत से बचना चाहिए क्योंकि यह अशुभ माना जाता है।
- अमावस्या पर खाना न बनाएं: पितृ पक्ष की अमावस्या (सर्व पितृ अमावस्या) के दिन, श्राद्ध अनुष्ठान के बाद घर के किचन में खाना बनाने से बचने की सलाह दी जाती है।
पितृ पक्ष श्रद्धा, ध्यान और आत्मचिंतन का समय है। इस समय के दौरान उन नियमों का पालन करना आवश्यक है जो पूर्वजों की आत्मा की शांति और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करते हैं। भोजन, वस्त्र और गतिविधियों से संबंधित परंपराओं का पालन करके हम अपने पितरों का सम्मान कर सकते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
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Frequently Asked Questions (FAQ’s)
1. पितृ पक्ष में कौन-कौन से खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए?
पितृ पक्ष में मांसाहारी भोजन, प्याज, लहसुन, शराब, प्रोसेस्ड फूड, और मसालेदार भोजन से बचना चाहिए। सात्विक और हल्का भोजन ग्रहण करना उचित होता है।
2. पितृ पक्ष में कौन-कौन सी वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए?
पितृ पक्ष के दौरान नए कपड़े, महंगी वस्तुएं, फर्नीचर, सोना-चांदी, और जमीन-जायदाद की खरीदारी नहीं करनी चाहिए। इसे अशुभ माना जाता है।
3. क्या इस समय मेंबाल कटवाना या शेविंग करना उचित है?
नहीं, पितृ पक्ष के दौरान बाल कटवाना या शेविंग करना वर्जित माना जाता है। यह समय शोक और श्रद्धा का होता है।