Gujarati New Year: गुजराती नव वर्ष कब आता है? जानें इसका महत्व

भारत में अलग-अलग राज्य और समुदाय के लोग अपने-अपने मान्यताओं के अनुसार पर्व मनाते हैं। वहीं अगर हम बात करें गुजरातियों (Gujarati) की तो गुजरातियों को अक्सर व्यापार और त्यौहार के लिए खूब जाना जाता है। गुजरातियों के बीच गरबा (Garba) को लेकर एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। ऐसे में अगर हम गुजराती नववर्ष (Gujrati New Year) की बात करें तो गुजरातियों का नव वर्ष भी बेहद खास होता है। इस दिन सभी गुजराती मिलकर गुजराती नव वर्ष सेलिब्रेट करते हैं। इस दिन सभी काफी उत्साहित और खुश नजर आते हैं। लेकिन अगर आप यह नहीं जानते हैं कि गुजराती नव वर्ष क्यों मनाया जाता है और यह गुजरातियों के लिए क्या महत्व रखता है तो चलिए जानते हैं इसके बारे में…

कब मनाया जाता है?

गुजराती नव वर्ष अन्नकूट पूजा (Annakut) जिसे गोवर्धन पूजा के नाम से भी जाना जाता है के दिन शुरू होता है। गुजराती नव वर्ष गुजरातियों के लिए बेहद खास समय होता है। इस समय वे अपने पुराने खातों पुस्तकों को बंद कर नए खाता पुस्तकों की शुरुआत करते हैं। वहीं दीपावली के दिन इन नई खाता पुस्तकों की पूजा भी की जाती है और मां लक्ष्मी से सुख समृद्धि और मंगल कामना की प्रार्थना की जाती है। इस पूजा को चोपड़ा पूजन के नाम से जानते हैं। सभी गुजराती आने वाले वित्तीय साल को और लाभकारी बनाने के लिए चोपड़ा पूजा के दौरान नई खाता पुस्तकों पर शुभचिन्ह बनाते हैं।

किस तिथि को मनाया जाता है गुजराती नव वर्ष?

गुजराती नव वर्ष कार्तिक शुक्ल (Kartik Shukla Paksha) पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है। गुजराती नव वर्ष को प्रतिपदा या बेस्टु वारस (Bestu Varas) के नाम से भी जाना जाता है। गुजराती समुदाय के लिए यह एक शुभ दिन माना गया है। गुजराती अपने नए वर्ष के दिन को नूतन वर्ष भी कहते हैं।

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गुजराती नववर्ष महत्व

दीपावली (Dipawali) का अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग महत्व है। दीपावली को गुजरात (Gujarat) में नए साल का प्रतीक माना गया है। दीपावली के दिन गुजरात में साल का आखिरी दिन होता है और इसके अगले दिन से ही गुजराती नव वर्ष की शुरुआत हो जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार देखा जाए तो यह कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की पड़वा या प्रतिपदा को आता है। चंद्र चक्र पर आधारित भारतीय कैलेंडर के मुताबिक गुजरात में कार्तिक महीना साल का पहला महीना होता है और यही से गुजराती नव वर्ष का पहला दिन शुरू होता है। इसी कारण से इस दिन को वित्तीय नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक भी माना गया है।

कैसे मनाते है गुजराती नव वर्ष?

नव वर्ष (New Year) की अगर बात की जाए तो वह सभी समुदाय के लिए अलग महत्व रखती है। वहीं गुजराती नव वर्ष (Gujrati New Year) गुजरातियों के लिए सबसे बड़े त्योहार में से एक माना जाता है। इस दिन यहां के लोग अलग-अलग समारोह का आयोजन भी करते हैं। नए कपड़े पहनकर मंदिर में पूजा पाठ करते हैं और इसके बाद परिवार,अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर अपनी खुशियां बांटते हैं। वही अपने खुशियों का इजहार करने के लिए गुजराती नव वर्ष पर धमाकेदार आतिशबाजी की जाती है। इस दिन गुजराती परिवार अपने घर को सजाते हैं। वहीं महिलाएं घरों में स्वादिष्ट मिठाइयां और भोजन तैयार करती हैं। इस दिन गुजराती परिवार सभी का मुंह मीठा करा कर खुशियां मनाता है। साथ ही नए साल की बधाइयां भी देते हैं। वहीं डिजिटल युग होने की वजह से लोग अपने दूर बैठे रिश्तेदारों को भी बधाइयां देते हैं