Why Vivah Panchami is Celebrated: Everything You Need to Know

Vivah Panchami: विवाह पंचमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख और लोकप्रिय त्योहार है, जिसमें भगवान राम और देवी सीता का विवाह मनाया जाता है। यह त्योहार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर नवम्बर या दिसम्बर में पड़ता है। यह विशेष रूप से उत्तर भारत और पश्चिमी भारत में महत्व रखता है, खासकर अयोध्या और जनकपुर जैसे शहरों में।

Ram Sita wedding
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विवाह पंचमी की तिथि

विवाह पंचमी मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस तिथि की हर साल बदलती है क्योंकि यह हिंदू पंचांग के अनुसार होती है। यह त्योहार आमतौर पर नवम्बर या दिसम्बर में मनाया जाता है। विवाह पंचमी 6 दिसम्बर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन को भगवान राम और उनकी प्रिय पत्नी सीता के विवाह की प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, जो अच्छाई की बुराई पर विजय को दर्शाता है।

विवाह पंचमी का महत्व

विवाह पंचमी भगवान राम और देवी सीता के विवाह से संबंधित है, जो हिंदू पुराणों में सबसे प्रसिद्ध और पूजनीय जोड़ा माने जाते हैं। “रामायण” के अनुसार, भगवान राम ने मिथिला के राजा जनक की पुत्री सीता से विवाह किया, जब उन्होंने स्वयंबर में भगवान शिव के धनुष को उठाकर अपनी शक्ति सिद्ध की। राम-सीता का विवाह केवल एक पारंपरिक विवाह नहीं था, बल्कि इसे धर्म और भक्ति के मिलन के रूप में भी देखा जाता है। लोग मानते हैं कि उनका विवाह एक आदर्श उदाहरण है, जिसमें पति-पत्नी को एक-दूसरे का समर्थन और आदर करना चाहिए।

Ram Sita got married on Vivah Panchami
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पूजा विधि (पूजा और अनुष्ठान)

विवाह पंचमी पर की जाने वाली पूजा धार्मिक, सांस्कृतिक और उत्साह से भरी होती है। यहां विवाह पंचमी की सामान्य पूजा विधि दी जा रही है:

1. प्रातःकाल स्नान: भक्त प्रातः समय में पवित्र नदी या जलाशय में स्नान करते हैं ताकि वे शुद्ध हो सकें।

2. पूजा स्थल की तैयारी : पूजा करने के लिए एक पवित्र स्थान तैयार किया जाता है। भक्तगण भगवान राम और देवी सीता की मूर्तियों या चित्रों को एक ऊंचे स्थान पर रखते हैं।

3. कलश पूजन: पूजा की शुरुआत गणेश वंदना से होती है, जिसमें भगवान गणेश से सभी विघ्नों को दूर करने की प्रार्थना की जाती है। इसके बाद कलश पूजन किया जाता है, जो शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक है।

4. सीता-राम विवाह समारोह: मुख्य पूजा में भगवान राम और देवी सीता के विवाह का समारोह किया जाता है। भक्तगण भगवान राम और सीता की मूर्तियों या चित्रों के बीच एक पवित्र धागा बांधते हैं, जो विवाह बंधन को दर्शाता है। इस दौरान मंत्रों और *रामायण* के श्लोकों का उच्चारण किया जाता है, और फूल, फल और मिठाई अर्पित की जाती है।

5. रामायण का पाठ : भक्तगण “रामायण” के श्लोकों का पाठ करते हैं, जिसमें विशेष रूप से राम और सीता के विवाह का वर्णन किया जाता है। कुछ स्थानों पर कीर्तन और भजन भी आयोजित किए जाते हैं, जो भगवान राम और सीता की महिमा का गान करते हैं।

6. आरती और प्रसाद : पूजा के बाद भगवान राम और सीता की आरती की जाती है, और फिर प्रसाद (पवित्र भोजन) का वितरण किया जाता है।

Ram darbar
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विवाह पंचमी के लाभ

1. सुखमय वैवाहिक जीवन: विवाह पंचमी पर पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख, समृद्धि और समरसता आती है। यह दिन दंपत्ति को उनके संबंधों को मजबूत बनाने का अवसर प्रदान करता है।

2. मनोकामनाओं की पूर्ति : भगवान राम और सीता की पूजा करने से भक्त अपनी व्यक्तिगत और सामाजिक मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

3. आध्यात्मिक उन्नति : विवाह पंचमी का पर्व भगवान राम और सीता से भक्तों को धर्म, भक्ति और नैतिकता की शिक्षा देता है, जिससे उनकी आध्यात्मिक उन्नति होती है।

4. विघ्नों का निवारण : विवाह पंचमी के दिन पूजा करने से जीवन में आने वाली समस्याओं और विघ्नों को दूर करने में मदद मिलती है।

5. परिवार में प्रेम और सौहार्द : इस दिन को परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर मनाते हैं, जो परिवार में प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देता है।

कुल मिलाकर, विवाह पंचमी न केवल भगवान राम और देवी सीता के दिव्य विवाह को याद करने का दिन है, बल्कि यह एक अवसर है जब लोग अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाने के लिए आध्यात्मिक रूप से जुड़ते हैं और समाज में प्रेम, सहयोग और सद्भाव का प्रचार करते हैं।


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