सावन शिवरात्रि पर करें भोलेनाथ की पूजा, हर मनोकामना होगी पूर्ण, जानिए पूजा-विधि

a black statue with a gold and silver base with a sign on it

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।

नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय।।

सावन शिवरात्रि का त्योहार सावन या सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। सावन शिवरात्रि भगवान शिव की पूजा के लिए दूसरा सबसे बड़ा दिन है।

भगवान शिव जगत पूज्य हैं, भक्तों के हर संकट को हरने वाले हैं। सनातन हिंदू धर्म में भगवान भोले नाथ की पूजा सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। सनातनी भगवान शिव जी की आराधना के बिना अपना जीवन अधूरा मानता है।

भगवान शिव ही हैं जो तरण-तारण हैं, उनकी कृपा सब भक्तों पर एक समान रहती है। भूत-पिशाच, असुर-राक्षस, देवता, मनुष्य  और पशु भी सभी जगत के जीव भगवान शिव की शरणागत होने पर परम आनंद को प्राप्त करते हैं।

आज हम आपको अपने आर्टिकल के जरिए भगवान भोले नाथ से जुड़ी सावन के महीने में आने वाली सावन शिवरात्रि के बारे में बताने जा रहे हैं। 

सावन शिवरात्रि का महत्व

सावन शिवरात्रि का त्योहार सावन या सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। सावन शिवरात्रि भगवान शिव की पूजा के लिए दूसरा सबसे बड़ा दिन माना जाता है। 

वैसे, हर महीने पड़ने वाली शिवरात्रि को मासिक शिवरात्रि कहते हैं और सावन के महीने में आने वाली शिवरात्रि सावन शिवरात्रि कहा जाता है। 

वैदिक शास्त्रों के अनुसार सावन शिवरात्रि पर देवों के देव महादेव जी की पूजा-अर्चना करना अत्यधिक फलदायी साबित होता है। सावन शिवरात्रि पर भोले भंडारी का पूजन करने पर वह अपने भक्तों पर कृपा बनाए रखते हैं।

जानिए कब है सावन शिवरात्रि?

वैदिक पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिवस सावन शिवरात्रि पड़ने वाली है. इस वर्ष सावन के महीने में यह तिथि 2 अगस्त की दोपहर 3 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 3 बजकर 50 मिनट पर हो होगा। इस चलते सावन शिवरात्रि का व्रत 2 अगस्त के दिन रखा जाएगा।

सावन शिवरात्रि की पूजा-विधि पर एक नजर

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
  • स्नान करने के बाद साफ-स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्ज्वलित करें।
  • अगर संभव है तो व्रत करें।
  • भगवान भोले नाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।
  • भगवान भोले भंडारी को पुष्प अर्पित करें।
  • इस दिन महादेव जी के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
  • भगवान शिव जी को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
  • भगवान शिव जी की आरती करें।
  • इस दिन भगवान का अधिक से अधिक मंत्रोच्चार के माध्यम से जाप करें।

भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर चढ़ाएं

1. जल

शिव जी को प्रसन्न करने का सबसे आसान उपाय है शिवलिंग पर जल चढ़ाना।

2. दूध

शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से भी शिवजी प्रसन्न होते हैं।

3. दही

शिवलिंग पर दही भी अर्पित करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने व्यक्ति परिपक्व बनता है और जीवन में स्थिरता आती है।

4. घी

शिवलिंग पर देसी घी अर्पित करने से शिवजी की कृपा प्राप्त होती है।

5. चंदन

शिवलिंग पर चंदन अवश्य लगाएं।

प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं।

त्र्यः शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं भजेऽहम् भवानीपतिं भावगम्यम्।।