धनतेरस से ही दीपावली के त्यौहार की शुरुआत मानी जाती है। धनतेरस का त्यौहार समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। यहाँ इस शुभ दिन पर खरीदी जाने वाली पारंपरिक वस्तुओं की सूची दी गई है:
- सोने और चांदी के सिक्के – सोना और चांदी के सिक्के धन और समृद्धि के प्रतीक हैं। इन्हें खरीदने से घर में लक्ष्मीजी की कृपा बनी रहती है।
- गहने – धनतेरस पर सोने या चांदी के गहने खरीदना एक पुरानी परंपरा है।
- रसोई के बर्तन – तांबे, पीतल या चांदी के बर्तन खरीदना भी शुभ माना जाता है, जो घर में अन्न और समृद्धि के प्रतीक होते हैं।
- नए इलेक्ट्रॉनिक्स या उपकरण – बहुत से लोग फ्रिज या टीवी जैसे घरेलू उपकरण खरीदते हैं ।
- गोमती चक्र – गोमती चक्र पर्स, तिजोरी या पूजा स्थल में रखने से घर में समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
- लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियाँ – धनतेरस पर लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियाँ खरीदना दिवाली पर समृद्धि और आशीर्वाद के स्वागत का प्रतीक है।
- नए कपड़े – नए कपड़े नई शुरुआत का प्रतीक होते हैं और परंपरागत रूप से दिवाली पर पहने जाते हैं।
- झाड़ू – नई झाड़ू खरीदना घर की नकारात्मकता को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत करने के लिए शुभ माना जाता है।
- धनिया बीज – धनतेरस पर धनिया के बीज खरीदने से भोजन और धन की निरंतरता सदैव बनी रहती है।
- घी का दीपक – घी का दीपक दिवाली पर घर में अंधकार को दूर करने और उजाला लाने का प्रतीक है।
- वाहन – धनतेरस पर वाहन खरीदना एक बढ़ती हुई परंपरा है। इसे लंबे समय तक सौभाग्य और वित्तीय प्रगति लाने वाला माना जाता है।
- साविंग बॉन्ड या निवेश योजना – आर्थिक निवेश या साविंग बॉन्ड खरीदना एक आधुनिक परंपरा है, जो दीर्घकालिक संपत्ति वृद्धि का प्रतीक है।
- होम डेकोर आइटम – घर की सजावट के लिए दीवार पर सजाने वाली चीज़ें या तोरण खरीदना शुभ माना जाता है, जो अतिथियों और देवी-देवताओं के स्वागत का प्रतीक है।
धनतेरस की खरीदारी के लिए सुझाव:
- लोहे या खाली कांच के बर्तन खरीदने से बचें, इन्हें परंपरागत रूप से अशुभ माना जाता है।
- शुभ मुहूर्त में खरीदारी करने से धनतेरस का सकारात्मक प्रभाव अधिक रहता है।
- सुनिश्चित करें कि खरीदी गई वस्तुएं नई और अछूती हों, ताकि इस दिन की परंपरा को सही ढंग से निभाया जा सके।