Navratri Puja Samagri List:  नवरात्रि में पूजा सामग्री की इस लिस्ट को बिल्कुल न भूलें

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शारदीय नवरात्रि का पर्व देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि शुरू होने से पहले मंदिरों को खूबसूरती से सजाया जाता है। इन 9 दिनों देवी के अलग-अलग स्वरूपों की रीति-रिवाजों के साथ पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की पूजा करने से भक्तों के जीवन में सुख और शांति आती है। नवरात्रि के दौरान पूजा को पूरा करने के लिए अलग-अलग सामग्री की आवश्यकता होती है। इसलिए नवरात्रि पूजा के दौरान हमें पूजा सामग्री का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जानें नवरात्रि में आपको किन जरूरी चीजों की जरूरत पड़ेगी। आइए जानते हैं नवरात्रि पूजा सामग्री की उस लिस्ट के बारे में…

शारदीय नवरात्रि का महत्व

नवरात्रि का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। शरद ऋतु का त्योहार, जिसे शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस पर्व इसकी शुरुआत हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। इन नौ दिनों तक सभी भक्त देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं।

अखंड ज्योति के लिए सामग्री लिस्ट

Ghee Diyas
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अगर आप नवरात्रि पर अखंड ज्योति जला रहे हैं तो आपको कुछ सामग्री की आवश्यकता होगी, जो इस प्रकार है- सबसे पहले आपको अखंड ज्योति को जलाने के लिए आपको दीये की जरूरत पड़ेगी, आप चाहें तो चांदी, पीतल या मिट्टी के दीये का इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि आप मिट्टी के दीये का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो तेल रिसाव को रोकने के लिए इसे रात भर भिगोकर रखें। अखंड ज्योति को जलाने के लिए शुद्ध देशी घी या फिर सरसों या तिल के तेल का आप इस्तेमाल कर सकते हैं। लंबे समय तक चलने वाली लौ के लिए, लंबी और मोटी बाती का इस्तेमाल करें। नवरात्रि के 9 दिनों तक अखंड ज्योति जलाना बेहद शुभ माना जाता है। इससे घर में मां दुर्गा का वास रहता है। हमेशार घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है और सभी संकटों से छुटकारा मिलता है। अखंड ज्योति जलाने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।

घटस्थापना के लिए कई वस्तुओं की आवश्यकता होती है, जो इस प्रकार हैं।

Kalash
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1. एक कलश (तांबा/कांस्य/पीतल/चांदी/मिट्टी) लें।

2.  सात विभिन्न अनाजों के बीज 

3. पीतल का घड़ा,

4. कलश के लिए गंगाजल या पवित्र जल,

5. गंध, सुपारी, सिक्के, हल्दी

6. कुमकुम

7. चंदन

8. पांच अशोक या आम के पेड़ के पत्ते, चावल, कच्चा नारियल, नारियल के लिए लाल कपड़ा, ताजे फूल और माला आदि।

देवी मां के श्रृंगार के लिए सामग्री

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1. लाल चुनरी

2. सिंदूर

3. बिंदी

4. मेहंदी

5. काजल

6. महावर या आलता

7. नेल पॉलिश

8. लिपस्टिक

9. इत्र

10. चूड़ी

11. बिछिया

12. पायल

13. माला

14. कान की बाली

15. नाक की नथ 

जौ बोने के लिए सामग्री

1. शुद्ध मिट्टी

2. जौ

4. मिट्टी का बर्तन

5. मिट्टी पर रखने के लिए एक साफ कपड़ा

6. साफ जल

7. कलावा

नवरात्रि में जौ उगाने की विधि

1.  सबसे पहले मिट्टी का बर्तन लें और उसे अच्छे से पानी से साफ कर लें

2.  उस बर्तन के ऊपर कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं 

3. इसके बाद मिट्टी और गोबर की सूखी खाद डालें

4. मिट्टी के बर्तन में बेहद कम जितनी जरूरत है उतना ही पानी का छिड़काव करें

5. मिट्टी को थोड़ा सा गीला होने दें

6. मुट्ठी में जौ के लिमिटेड दाने लें

7. जौ के दाने मिट्टी में डालें और हल्के हाथों से फैलाएं

8. ध्यान रखें कि नौ दिनों तक जौ वाले पात्र में नियमित रूप से जल अर्पित करते रहें

9. रोजाना सीमित मात्रा में जल का छिड़काव करें

10. अब इसे मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने स्थापित कर दें

सभी नौ दिनों के लिए के लिए पूजा सामग्री

Turmeric Powder
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1. पंच धातु (पांच धातुओं) से बनी देवी दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति 

2. चौकी (माँ दुर्गा की मूर्ति/फोटो फ्रेम रखने के लिए लकड़ी का बना मंच या टेबल)

3. गंगाजल

4. धूप

5. अगरबत्ती (धूपबत्ती)

6. नारियल

7. अक्षत

8. पवित्र धागा – कलावा (लाल और पीला)

9. मिठाई (नैवेद्य) और भोग

10. फूल

11. पान और सुपारी

12. कुमकुम

13. हल्दी

14. चंदन

15. कपूर

16. फल (केला, सेब आदि)

17. लौंग-इलायची

18. बताशा

19. प्रसाद की व्यवस्था के लिए ट्रे

20. मुख्य द्वार के लिए आम के पत्तों से बने तोरण (दरवाजे पर लटकाने वाले)

21. मिट्टी के एक बर्तन

हवन विधि और सामग्री

नवरात्रि के दौरान हवन कराना बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हवन कराने से देवी मां प्रसन्न होती हैं। अष्टमी और नवमी के दिन आप हवन करा सकते हैं।  

1. हवन कुंड

2. आम की लकड़ी 

3. चावल

4. जौ

5. सूखे मेवे

6. कलावा

7. गुड़ या मिठाई

8. गाय का घी

9. पान का पत्ता

10. काला तिल

11. सूखा नारियल

12. इलायची

13. लौंग

14. कपूर

15. बताशा

16. रूई, बत्ती

Havan Kund
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हवन कुंड कैसे तैयार करें

सबसे पहले आपको हवन कुंड को पूरी तरह तैयार करें और फिर उसे गंगाजल से शुद्द कर लें। फिर हवन कुंड के चारों तरफ कलावा बांध दें। फिर कुंड पर स्वास्तिक बनाएं। इसके बाद हवन में बताई गई सामग्री को एक प्लेट में एकत्र कर लें। हवन कुंड तैयार करने के बाद उसमें नीचे थोड़ी सी मिट्टी या बालू डालने के पश्चात उसके ऊपर लकड़ियों को रख दें। इसके बाद इसमें घी, चावल और कपूर डालें। हवन में केवल सूखी और पतली लड़की का इस्तेमाल करें। हवन की अग्नि को प्रज्वलित करने के लिए हमेशा रूई की बाती या कपूर का ही प्रयोग करें। हवन के पश्चात कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराएं और उनका आर्शीवाद लें।न जरूर करनी चाहिए। देवी मां की पूजा करने से बच्चों का पढ़ाई में फोकस बढ़ता है और वह करियर में नई ऊंचाइयों पर पहुंचते हैं।