महाबली हनुमान जी को पुरे भारत में भक्ति, शक्ति और सेवा का प्रतीक माना जाता है और इसीलिए आपको हनुमान जी के भक्त पुरे भारत देश में मिल जाएंगे । उनके भक्तों की संख्या करोड़ों में है, और देश के हर कोने में उनके मंदिर स्थापित हैं। आइए जानते हैं भारत के Top 10 Hanuman Mandir के बारे में
Table of Contents
संकट मोचन हनुमान मंदिर, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) (Sankat Mochan Hanuman Mandir)
इस मंदिर को 16वीं शताब्दी में गोस्वामी तुलसीदास जी ने बनवाया था। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि एक बार तुलसीदास जी को स्वयं हनुमान जी ने दर्शन दिए थे। इस मंदिर में हनुमान जी की पूजा “संकट मोचन” के रूप में की जाती है यानी संकटों को हरने भगवान के रूप में। हर मंगलवार को यहां हजारों भक्त एकत्रित होते हैं।

सलेम हनुमान मंदिर, मेहंदीपट्टनम, चेन्नई (तमिलनाडु) (Salem Hanuman Mandir)
यह मंदिर करीब 500 वर्ष पुराना माना जाता है ऐसा माना जाता है कि इसे तमिल संतों द्वारा स्थापित किया गया था। इस मंदिर में हनुमान जी की एक भव्य मूर्ति है जिसे हर दिन अलग-अलग प्रकार के अलंकारों से सजाया जाता है। दक्षिण भारत में यह एक प्रमुख हनुमान मंदिर है।

हनुमानगढ़ी मंदिर, अयोध्या (उत्तर प्रदेश) (Hanumangarhi)
यह मंदिर भारत में हनुमान जी के सबसे प्राचीन मंदिरो में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण 10वीं शताब्दी के आसपास कराया गया होगा। यह मंदिर एक ऊंचे टीले पर स्थित है, जहां लगभग 76 सीढ़ियाँ चढ़ने के बाद मंदिर में प्रवेश होता है। कहा जाता है कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम के लौटने के बाद हनुमान जी यहीं निवास करते थे।

जाखू मंदिर, शिमला (हिमाचल प्रदेश) (Jakhu Hanuman)
यह मंदिर अति प्राचीन है और स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, रामायण काल से जुड़ा है। यह मंदिर शिमला की सबसे ऊंची पहाड़ी पर स्थित है, और यहां 108 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा स्थापित है जो दूर से ही दिखाई देती है। माना जाता है कि संजीवनी बूटी की खोज के दौरान हनुमान जी यहां कुछ समय के लिए रुके थे।

श्री कस्तभंजनदेव हनुमानजी मंदिर, सारंगपुर (गुजरात) (Kastbhanjan dev Hanuman)
इस मंदिर को स्वयं स्वामी सहजानंद सरस्वती ने स्वामीनारायण संप्रदाय के अंतर्गत 19वीं सदी में स्थापित किया था। यह मंदिर हनुमान जी के कस्तभंजन (सभी कष्टों को दूर करने वाले) रूप को समर्पित है। यहां विशेष रूप से भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए पूजा की जाती है।

बजरंगबली मंदिर, करोल बाग, दिल्ली (Karol Bagh Hanuman)
ऐसी मान्यता है कि एक संत बाबा के सपने में हनुमान जी आए थे और उन्होंने कहा था कि यहाँ पर उनकी एक भव्य मूर्ति बनवाओ तब जाकर इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ। इस मंदिर को कई मूवी और नाटकों में दिखाया गया है। इस मंदिर की सबसे खास बात तो यहाँ की हनुमान जी की मूर्ति ही है जो कि सीना चीरते हुए राम और सीता जी के दर्शन कराती है।

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, दौसा (राजस्थान) (Mehandipur Balaji)
यह मंदिर प्राचीन काल से है और इसकी उत्पत्ति से संबंधित कोई एक निश्चित तिथि नहीं है, लेकिन यह माना जाता है कि यह स्थल स्वयंभू (स्वतः प्रकट) है। यह मंदिर बुरी आत्माओं, तांत्रिक बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यहां हर मंगलवार और शनिवार को ‘आरोग्य और रक्षा’ के लिए विशेष पूजा व अनुष्ठान होते हैं। यह भारत का एकमात्र हनुमान मंदिर है जहाँ भक्तों की बुरी शक्तियों से रक्षा के लिए “झाड़-फूंक” विधि भी अपनाई जाती है।

नीम करौली धाम, कैंची (उत्तराखंड) (Baba Neem Karoli Dham)
इस मंदिर की स्थापना महान संत बाबा नीम करौली महाराज ने 1960 के दशक में की थी। यह धाम अमेरिका के एप्पल संस्थापक स्टीव जॉब्स और फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग जैसे वैश्विक व्यक्तित्वों की आध्यात्मिक यात्रा का केंद्र रहा है। बाबा नीम करौली को हनुमान जी का अवतार माना जाता है, और उनके आश्रम में हनुमान जी की भव्य मूर्ति स्थापित है। यहां मानसिक शांति और आत्मिक जागरूकता के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है।

बागेश्वर धाम, छतरपुर (मध्य प्रदेश) (Bageshwar Dham)
यह धाम हाल के वर्षों में प्रसिद्ध हुआ है और इसके वर्तमान पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी हैं, जिन्होंने इसे एक दिव्य स्थान के रूप में स्थापित किया है। यह धाम बागेश्वर बालाजी को समर्पित है और यहाँ “दिव्य दरबार” के माध्यम से लोगों की समस्याओं का समाधान बताया जाता है। हनुमान जी की कृपा से जुड़ी घटनाएं और चमत्कारिक समाधान इस धाम को आज के युग में एक लोकप्रिय आस्था केंद्र बनाते हैं।

लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर, इलाहाबाद (प्रयागराज), उत्तर प्रदेश (Lete Hanuman Ji)
यह मंदिर अति प्राचीन है और इसकी स्थापना से जुड़ी सटीक ऐतिहासिक जानकारी उपलब्ध नहीं है लेकिन इसे सदियों से साधु-संतों और भक्तों द्वारा एक बहुत ही पूजनीय स्थल माना जाता रहा है। यह भारत का एकमात्र प्रसिद्ध मंदिर है जहाँ हनुमान जी शयन मुद्रा में लेटे हुए दिखाई देते हैं। मान्यता है कि जब भगवान श्रीराम ने पृथ्वी छोड़कर वैकुण्ठ गमन किया, तब हनुमान जी ने अपना समर्पण प्रकट करते हुए स्वयं को पृथ्वी पर लिटा लिया और श्रीराम के चरणों की प्रतीक्षा करने लगे। इस मंदिर में जलस्तर बढ़ने पर हनुमान जी की मूर्ति गंगा जल से स्नान करती है, जिसे भक्त शुभ संकेत मानते हैं।
